दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में किया जा रहा है। जिसको लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूरी तत्परता के साथ लगी है। वहीं साथ ही केंद्र सरकार भी अभी भूमिका निभा रही है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि महाकुंभ 2025 में कुल 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। जिसमें से मौनी अमावस्या के दिन अकेले ही 5 करोड़ से ज्यादा तीर्थ यात्रियों के स्नान करने की उम्मीद की जा रही है। महाकुंभ को लेकर भारतीय रेलवे ने देश भर से 3 हजार से ज्यादा ट्रेनें चलाने का फैसला किया है।
12 भाषाओं में मिल रही सुविधा
भारतीय रेलवे के अनुसार महाकुंभ को लेकर 3000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसके साथ ही 554 टिकट काउंटर बनाया जाएगा इसमें से 151 मोबाइल अनारक्षित टिकट काउंटर भी बनाए गए हैं। वहीं रेलवे ने 1000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं। ये सभी सुविधाएं प्रयागराज में स्थित कई रेलवे स्टेशनों के लिए उपलब्ध रहने वाली है। रेलवे ने प्रयागराज के सभी स्टेशनों पर 12 भाषाओं में लोगों को जानकारी भी मुहैया करा रही है। ताकि देश के किसी भी कोने से आने वाले तीर्थ यात्रियों को असुविधा ना हो।
प्रयागराज के 9 स्टेशनों पर रहेगी सुविधा
उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज क्षेत्र के 9 स्टेशनों पर कुल 1176 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि प्रयागराज, नैनी, सूबेदारगंज, छिवकी, दारागंज, प्रयाग घाट, प्रयाग समेत स्टेशनों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इन स्टेशनों पर देश की सभी 22 भाषाओं में ट्रेन समेत सभी जानकारी की बुकलेट उपलब्ध है।
13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ मेले में हर रोज लाखों श्रद्धालुओं की आवाजाही है। इसको लेकर भारतीय रेलवे ने कुल 10 हजार नियमित ट्रेन चला रही है जिसमें से 3134 स्पेशल ट्रेन चलने वाली है। अधिकारी ने बताया कि इसमें से 1869 छोटी रूट की ट्रेनें रहने वाली है जबकि 706 लंबी दूरी की रहने वाली हैं।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए पिछले तीन सालों में भारतीय रेलवे की ओर से 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इस दौरान रेलवे को सुचारू बनाने के लिए कुल 48 प्लेटफॉर्म, 21 फुट ओवर ब्रिज, 1 लाख से अधिक क्षमता वाले तीर्थयात्रियों के लिए ठहरने का स्थान समेत 554 टिकट काउंटर बनाए गए हैं।