महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में श्रद्धालुओं का लगातार जमावड़ा हो रहा है। हर तरफ भीड़ बढ़ने के कारण ट्रेनें पूरी तरह खचाखच भरी हुई हैं। चाहे एसी कोच हो या जनरल, हर डिब्बा यात्रियों से ठसाठस भरा दिखाई दे रहा है। भीड़ इतनी बढ़ गई है कि रेलवे स्टेशन पर पैर रखने तक की जगह नहीं बच रही। इस स्थिति को संभालने और यात्रियों को तेजी से उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने विशेष कदम उठाया है।
समय भी बच रहा है और यात्रा भी सुविधाजनक हुई
रेलवे ने 13,000 से अधिक कुंभ मेला स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की है। इनमें से कई ट्रेनों में दो-दो इंजन लगाए गए हैं। एक इंजन ट्रेन के आगे और दूसरा पीछे लगाया गया है। इसका उद्देश्य ट्रेन को गंतव्य तक पहुंचाने के बाद उसे बिना इंजन बदलने के वापसी यात्रा के लिए तुरंत तैयार करना है।
डबल इंजन लगने से ट्रेन के इंजन को दूसरी तरफ शिफ्ट करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। आमतौर पर इंजन शिफ्ट करने में काफी समय लगता है और रेल लाइन भी प्रभावित होती है। लेकिन अब ट्रेन गंतव्य पर पहुंचते ही पीछे लगे इंजन से वापसी यात्रा पर निकल सकेगी। इससे समय की बचत होगी और अधिक यात्रियों को कम समय में गंतव्य तक पहुंचाया जा सकेगा।
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नई व्यवस्था के बारे में रेलवे स्टाफ का कहना है कि अधिकतर ट्रेनों में डबल इंजन लगाए गए हैं ताकि ट्रेन को गंतव्य पर पहुंचने के तुरंत बाद दूसरी ओर से रवाना किया जा सके। इससे शंटिंग के कारण होने वाली देरी से बचा जा सकेगा। नतीजतन स्टेशन पर भीड़ कम होगी, ट्रेनें लेट नहीं होंगी, और जल्दी-जल्दी फेरे लगाए जा सकेंगे।
रेलवे का यह कदम यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। महाकुंभ स्नान के दौरान भारी भीड़ के बावजूद ट्रेनें समय पर चल रही हैं। रेलवे की यह पहल यात्रियों के सफर को आरामदायक और सुविधाजनक बना रही है।
रेलवे विभाग ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अन्य उपाय भी किए हैं। टिकट काउंटर, स्टेशन की सफाई व्यवस्था और प्लेटफॉर्म पर भीड़ नियंत्रण के इंतजाम किए गए हैं। रेलवे की कोशिश है कि महाकुंभ के दौरान किसी भी यात्री को परेशानी न हो और श्रद्धालु अपने स्नान और पूजा के लिए समय पर पहुंच सकें। महाकुंभ के दौरान रेलवे की यह पहल यात्रियों के सफर को आसान बनाने में मदद कर रही है। भीड़ को नियंत्रित करने और ट्रेनें समय पर चलाने के लिए रेलवे का यह नया तरीका सराहनीय है।