Amenities in Mahakumbh 2025: प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने वाला महाकुंभ, आध्यात्मिकता और आधुनिकता का ऐसा संगम होगा, जो देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा। श्रद्धालुओं की सुविधा और आराम को सर्वोपरि रखते हुए मेला क्षेत्र के सेक्टर-20 (अरैल) में दो हजार से अधिक स्विस कॉटेज लगाए जा रहे हैं। ये भव्य तंबू, उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड द्वारा स्थापित किए जा रहे हैं, जो आधुनिक जीवन शैली की सभी सुविधाओं से सुसज्जित होंगे।
स्विस कॉटेज की कीमत 1,500 से 35,000 रुपए प्रतिदिन तक होगी
इन तंबुओं में पांच सितारा होटल जैसी सुविधाएं होंगी, जो हर यात्री को आराम और भव्यता का अनुभव देंगी। इनमें सुपर डीलक्स टेंट, महाराजा विला, स्विस कॉटेज और डॉरमेटरी प्रारूप में रहने की व्यवस्था होगी। इनकी कीमत ₹1,500 से ₹35,000 प्रतिदिन तक निर्धारित की गई है, ताकि हर वर्ग के श्रद्धालु अपनी आवश्यकताओं और बजट के अनुसार ठहरने की योजना बना सकें। महाकुंभ के दौरान, इन स्विस कॉटेज में रुकने वाले श्रद्धालु योग सत्रों, सांस्कृतिक आयोजनों, और प्रयागराज के प्रसिद्ध स्थलों की जानकारी का आनंद उठा सकेंगे। इन तंबुओं की बुकिंग महाकुंभ ऐप और पर्यटन विभाग की वेबसाइट के माध्यम से की जा सकेगी।
ऐप आधारित ई-रिक्शा और ई-ऑटो की बुकिंग 15 दिसंबर से शुरू होगी
महाकुंभ में पहली बार श्रद्धालुओं की स्थानीय यात्रा को और अधिक सुगम बनाने के लिए ऐप आधारित ई-रिक्शा और ई-ऑटो की बुकिंग सेवा शुरू की जा रही है। यह सेवा 15 दिसंबर से शुरू होगी। इस सुविधा के माध्यम से श्रद्धालु अपने ठहरने के स्थान से रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, हवाई अड्डा और अन्य प्रमुख स्थलों तक आसानी से यात्रा कर सकेंगे। इन वाहनों के संचालन की जिम्मेदारी स्टार्टअप कंपनी कॉम्फी ई-मोबिलिटी ने ली है। कंपनी ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी वाहन चालकों को प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे यात्रियों के साथ सभ्य और सहयोगी व्यवहार करें।
इस सेवा की एक विशेषता यह है कि महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पिंक टैक्सी भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें महिला चालक होंगी। साथ ही, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में संवाद करने में कठिनाई महसूस करने वाले यात्रियों के लिए चालकों को गूगल वॉइस असिस्टेंस का प्रशिक्षण दिया गया है। ई-रिक्शा और ई-ऑटो के किराये को पूरी तरह पारदर्शी और किफायती बनाया गया है, और इसका भुगतान प्रति किलोमीटर के हिसाब से तय होगा। सभी वाहनों में जीपीएस निगरानी की व्यवस्था होगी, जिससे हर यात्री की यात्रा सुरक्षित और आरामदायक बन सके।
महाकुंभ मेला प्राधिकरण ने यह सुनिश्चित किया है कि इस विशाल आयोजन में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को हर स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए, इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके साथ ही, इन वाहनों के संचालन में किसी भी चालक से कमीशन नहीं लिया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को सस्ती सेवा उपलब्ध हो सके। कॉल सेंटर और शिकायत निवारण प्रणाली भी स्थापित की गई है, ताकि किसी भी असुविधा की स्थिति में त्वरित समाधान किया जा सके।
महाकुंभ में स्विस कॉटेज और ऐप आधारित यात्रा सुविधाओं के माध्यम से आधुनिकता और सनातन परंपरा का जो संगम होगा, वह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को और भी ऊंचाई तक ले जाएगा। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु यहां न केवल अपने आध्यात्मिक लक्ष्यों की पूर्ति करेंगे, बल्कि भव्य सुविधाओं और सहज यात्रा व्यवस्था का भी आनंद लेंगे।
यह आयोजन, भारतीय संस्कृति और परंपरा की अमरता का प्रतीक होगा, जो आधुनिक तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है। महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन होगा, बल्कि एक ऐसा अनुभव होगा, जो प्रत्येक श्रद्धालु के मन में हमेशा के लिए बस जाएगा।
संगम से लेकर मेला क्षेत्र के हर महत्वपूर्ण स्थान जैसे हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, घाट, सड़कें, मंदिर, और ब्रिज सभी पर इन ड्रोन की नजर बनी हुई है। इन विशेष ड्रोनों की मदद से एक क्लिक पर महाकुंभ के 25 सेक्टरों के हर कोने की जानकारी मिल रही है। सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया गया है ताकि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं कि महाकुंभ में एक भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की परेशानी न हो, और इसके लिए प्रशासन युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटा हुआ है। पढ़ें पूरी खबर