प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारी अपने चरम पर है। जनवरी 2025 में होने वाला यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए धार्मिक आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि प्रकाश और भव्यता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा। इस बार मेले की खास बात यह है कि इसकी प्रकाश व्यवस्था को एक नए आयाम पर ले जाया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ सौंदर्य का भी अद्भुत आनंद मिलेगा।

आधुनिकता और परंपरा का संगम

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस महाकुंभ मेले की भव्यता को और बढ़ाने के लिए 8 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। इस राशि का उपयोग 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट्स की स्थापना के लिए किया जा रहा है। इन लाइट्स को खास तौर पर भगवान शंकर, गणेश और विष्णु की आकृतियों और कलश से सजाया गया है। यह सजावट न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव कराएगी, बल्कि उनकी आंखों को भी सुकून प्रदान करेगी।

समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि यह प्रयास उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। संगम जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों जैसे लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी मार्ग और परेड के मार्गों को आकर्षक सजावटी लाइट्स से सजाया जा रहा है। इन लाइट्स के माध्यम से रात के समय मेले का पूरा क्षेत्र दिव्य और भव्य प्रतीत होगा।

स्थायी संरचनाओं का निर्माण

पिछले महाकुंभ मेलों की तुलना में इस बार स्थायी खंभों का निर्माण किया गया है। ये खंभे न केवल मेले के दौरान उपयोगी होंगे, बल्कि आयोजन के बाद भी प्रयागराज क्षेत्र की शोभा बढ़ाते रहेंगे। प्रत्येक पोल को देवी-देवताओं और कलश की आकृतियों से सजाया गया है, जो धार्मिकता और संस्कृति की झलक पेश करते हैं। मनोज गुप्ता ने बताया कि इन लाइट्स की स्थापना का कार्य 15 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इस समयसीमा के साथ, मेला क्षेत्र की रातों को अद्भुत रोशनी से सजाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है।

25 सेक्टर में बंटा पूरा मेला क्षेत्र

महाकुंभ मेले के दौरान 4,000 हेक्टेयर क्षेत्र को 25 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति कर दी है, जिनका मुख्य कार्य भूमि अधिग्रहण और प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करना होगा। उपमंडल अधिकारी (मेला) अभिनव पाठक ने बताया कि ये मजिस्ट्रेट प्रशासन और आम जनता के बीच समन्वय का कार्य करेंगे।

त्रिवेणी संगम, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन होता है, इस बार प्रकाश की भव्यता से और भी दिव्य दिखाई देगा। संगम पर जल और प्रकाश का यह अनोखा संगम श्रद्धालुओं के लिए अद्भुत अनुभव लेकर आएगा। रात के समय संगम का यह दृश्य, जिसमें जल पर पड़ती रोशनी झिलमिलाती नजर आएगी, श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ अविस्मरणीय स्मृति भी प्रदान करेगा।

महाकुंभ मेले में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। आयोजन की इस भव्यता को देखते हुए सरकार ने इसे विश्वस्तरीय बनाने का हर संभव प्रयास किया है। डिजाइनर लाइट्स के माध्यम से मेला क्षेत्र की हर सड़क और गलियों को ऐसा सजाया जा रहा है कि हर कोना श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए तैयार दिखे। प्रकाश की इस विशेष व्यवस्था के कारण महाकुंभ मेला न केवल आध्यात्मिक आयोजन रहेगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का बड़ा केंद्र बनेगा। लाइट्स के अद्भुत डिज़ाइन, देवी-देवताओं की आकृतियां और स्थायी संरचनाएं इसे एक यादगार आयोजन में बदल देंगी।

महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की समर्पण और कुशलता का उदाहरण भी है। मेला क्षेत्र में न केवल सुरक्षा और सफाई का ध्यान रखा जा रहा है, बल्कि श्रद्धालुओं के अनुभव को विशेष बनाने के लिए हर छोटी से छोटी चीज पर विचार किया गया है।

महाकुंभ मेला 2025 अपने आप में एक अद्वितीय आयोजन होगा। आधुनिक तकनीक और परंपरा के समागम से सजा यह मेला श्रद्धालुओं और पर्यटकों के दिलों में लंबे समय तक बसा रहेगा। गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर प्रकाश और आस्था का यह मेल आध्यात्मिकता को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। यह आयोजन न केवल प्रयागराज की पहचान बनेगा, बल्कि विश्व भर में भारतीय संस्कृति और भव्यता का प्रतीक भी रहेगा।