Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 2025 की शुरुआत में होने महाकुंभ के मेले को लेकर यूपी सरकार ने करोड़ों श्रद्धालुओं के आने अनुमान लगाया है। वहीं संगम में गंगा और यमुना नदी के जल की गुणवत्ता को लेकर अब एनजीटी (NGT) ने यूपी सरकार (UP Government) को आदेश दिया है कि नदियों का जल नहाने और पीने के योग्य बरकरार रखा जाए।

अनुमान है कि महाकुंभ मेले के दौरान सीवेज उत्पादन में 10 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इसे देखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि गंगा और यमुना नदियों में कोई भी अनुपचारित सीवेज न बहाया जाए और आयोजन के दौरान किसी भी तीर्थयात्री को परेशानी न हो।

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NGT ने दिया बड़ा आदेश

NGT ने यह भी निर्देश दिया कि माघ मेला फरवरी के अंत तक 45 दिनों तक जारी रहेगा, इसलिए अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नदी का पानी हर समय पीने ​​के पानी/स्नान के पानी की गुणवत्ता के बराबर हो। NGT अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की मुख्य पीठ ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक याचिका का निपटारा किया।

इस दौरान ही NGT अध्यक्ष ने गंगा यमुना के जल की गुणवत्ता को लेकर आदेश दिया। इसमें प्रयागराज में गंगा नदी में नालों से अनुपचारित सीवेज के निर्वहन के बारे में शिकायतें उठाई गई थीं। हर 12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होगा और 26 फरवरी को समाप्त होगा।

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स्नान के दौरान न हो श्रद्धालुओं को परेशानी

NGT के आदेश में कहा गया है कि महाकुंभ के दौरान बेहतर निगरानी तंत्र बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि गंगा और यमुना नदी में अनुपचारित सीवेज के अवांछित प्रवाह के कारण पवित्र स्नान के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों को परेशानी न हो, सीपीसीबी और यूपीपीसीबी ( उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) गंगा और यमुना नदी पर अपने निगरानी बिंदुओं और निगरानी की आवृत्ति बढ़ाएंगे।

आदेश में आगे कहा गया है कि सीपीसीबी और यूपीपीसीबी को निगरानी बिंदुओं से सप्ताह में कम से कम दो बार गंगा और यमुना नदियों से पानी के नमूने एकत्र करने होंगे और उन्हें अपनी वेबसाइट पर विश्लेषण रिपोर्ट प्रदर्शित करनी होगी। महाकुंभ के दौरान और उसके खत्म होने के बाद, अधिकारियों को आवश्यक पर्यावरणीय मानदंडों का पालन करते हुए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में उत्पन्न होने वाले और जियो-ट्यूब में जमा होने वाले कीचड़ के प्रभावी निपटान के लिए कदम उठाने का भी निर्देश दिया गया है।

NGT ने आदेश पारित करने से पहले उत्तर प्रदेश सरकार को महाकुंभ 2025 के दौरान सीवेज लोड में वृद्धि के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए अपनी व्यापक सीवेज प्रबंधन योजना को रिकॉर्ड में रखने के लिए कहा था। उत्तर प्रदेश पर्यावरण विभाग के अनुसार सीवेज का अनुमानित प्रवाह लगभग 519.09 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) होने की संभावना है, जिसमें से लगभग 65 प्रतिशत नालियों के माध्यम से और शेष सीवर नेटवर्क के माध्यम से होगा। महाकुंभ से जुड़ी अन्य खबरों को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।