उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के संगम क्षेत्र में बुधवार की सुबह भगदड़ मच गयी। मौनी अमावस्या के अवसर पर पवित्र स्नान के लिए करोड़ों तीर्थयात्रियों के पहुंचने की वजह से भगदड़ मच गई जिसमें कई लोगों के हताहत होने की खबर है। पिछले कुछ सालों में भारत में मंदिरों और अन्य धार्मिक आयोजनों में भगदड़ के कारण अनेक लोग हताहत हुए हैं।

2 जुलाई 2024 को उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई थी जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। इसी प्रकार, 2005 में महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर में 340 से अधिक श्रद्धालु मारे गए तथा 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में कम से कम 250 श्रद्धालु मारे गए। 2008 में हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में एक धार्मिक सभा में भगदड़ मचने से 162 लोगों की जान चली गई थी।

2 जुलाई 2024: उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू भोले बाबा उर्फ ​नारायण साकार हरि द्वारा आयोजित ‘सत्संग’ में भगदड़ मचने से महिलाओं और बच्चों सहित 100 से अधिक लोग मारे गए थे।

31 मार्च, 2023: इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन कार्यक्रम के दौरान एक प्राचीन बावड़ी/ कुएं के ऊपर बने स्लैब के ढह जाने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई थी।

1 जनवरी, 2022: जम्मू-कश्मीर में प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए थे।

14 जुलाई, 2015: आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में ‘पुष्करम’ उत्सव के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ मचने से 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 घायल हो गए थे।

3 अक्टूबर, 2014: दशहरा समारोह खत्म होने के तुरंत बाद पटना के गांधी मैदान में भगदड़ मचने से 32 लोग मारे गए और 26 जख्मी हो गए थे।

1954 में मची थी सबसे बड़ी भगदड़, 800 लोगों की हुई थी मौत, महाकुंभ में कब-कब हुए बड़े हादसे

13 अक्टूबर, 2013: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान मची भगदड़ में 115 लोग मारे गए और 100 से ज़्यादा घायल हो गए थे। भगदड़ की शुरुआत इस अफवाह के कारण हुई थी कि श्रद्धालु जिस नदी के पुल को पार कर रहे थे वह टूटने वाला है।

19 नवंबर, 2012: पटना में गंगा नदी के तट पर अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से मची भगदड़ में लगभग 20 लोग मारे गए और कई घायल हो गए थे।

8 नवंबर, 2011: हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हर-की-पैड़ी घाट पर भगदड़ में कम से कम 20 लोग मारे गए थे।

14 जनवरी 2011: केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में एक जीप के तीर्थयात्रियों को टक्कर मार देने के कारण मची भगदड़ में सबरीमला के कम से कम 104 श्रद्धालु मारे गए और 40 से अधिक घायल हो गए थे।

4 मार्च, 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ में लगभग 63 लोग मारे गए। लोग स्वयंभू बाबा से मुफ्त कपड़े और भोजन लेने के लिए एकत्र हुए थे।

30 सितंबर, 2008: राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह के कारण मची भगदड़ में लगभग 250 श्रद्धालु मारे गए और 60 से अधिक घायल हो गए थे।

3 अगस्त, 2008: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान खिसकने की अफवाह के कारण मची भगदड़ में 162 लोग मारे गए थे और 47 घायल हुए थे।

25 जनवरी, 2005: महाराष्ट्र के सतारा जिले में मंधारदेवी मंदिर में वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक श्रद्धालुओं की कुचल जाने की वजह से मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए थे। यह दुर्घटना उस समय हुई जब कुछ श्रद्धालुओं द्वारा नारियल तोड़ने के कारण सीढ़ियों पर फिसलन हो गई और लोग गिर गए।

27 अगस्त, 2003: महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान भगदड़ में 39 लोग मारे गए और लगभग 140 घायल हो गए थे। पढ़ें- महाकुंभ से जुड़े लेटेस्ट अपडेट्स

(इनपुट-भाषा)