मद्रास हाईकोर्ट को सरकारी मुलाजिमों का टीवी देखना पसंद नहीं है। एक मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि सरकारी कर्मचारी टीवी न देखें तो शांति में रहेंगे। हाईकोर्ट एक याचिका की सुनवाई कर रहा था। याचिका केबल ऑपरेटर स्टार चैनल ने दायर की थी। उनकी तरफ से हाईकोर्ट को बताया गया कि उन्हें सरकारी मुलाजिमों की कालोनी में कनेक्शन देने से मना कर दिया गया। ये पक्षपातपूर्ण फैसला है।

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जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने कहा कि आफिसर्स कांप्लेक्स के 1848 घरों को टीवी कनेक्शन मुहैया कराने का मामला उनके सामने आया है। जज ने कहा कि उन्हें लगता है कि अलग-अलग सरकारी महकमों में काम करने वाले अफसर को टीवी केबल कनेक्शन न दिया जाए तो बेहतर रहेगा। जस्टिस सीवी कार्तिकेयन को लगता है कि टीवी न देखने से सरकारी अफसरों को राहत मिलेगी। वो ज्यादा शांति के माहौल में रहेंगे।

2 मई 2021 तक है दो साल की बैंक गारंटी

स्टार चैनल ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें गुंडामपल्लयम गवर्नमेंट आफिशियल हाउसिंग यूनिट में केबल कनेक्शन देने की मंजूरी दी गई थी। 2002 में वहां 532 फ्लैट थे। सभी को केबल कनेक्शन दिए जाने थे। 2012 में यूनिट को ढहा दिया गया। नए सिरे से इसे तैयार किया गया। अब यहां पर 1848 फ्लैट हैं। लेकिन स्टार चैनल को नए बने फ्लैट्स में केबल कनेक्शन देने की अनुमति नहीं दी जा रही है। स्टार चैनल ने सभी दस्तावेजों के साथ अपना मामला सामने रखा था। सॉल्वेंसी सर्टिफिकेट के साथ बैंक गारंटी भी उसने प्रस्तुत की थी। दो साल की बैंक गारंटी 2 मई 2021 तक है।

चैनल की तरफ से कहा गया कि तमिलनाडु हाउसिंह बोर्ड के एक अफसर ने उनसे कहा था कि उनकी दरखास्त पर विचार किया जा रहा है। एक बार निर्माण पूरा हो जाए तो केबल कनेक्शन बिछाने की अनुमति दी जाएगी। एक RTI के जवाब में हाउसिंह बोर्ड ने दूसरे प्रतिस्पर्धी केबल आपरेटरों को बताया कि स्टार चैनल को केबल कनेक्शन बिछाने की अनुमति दी जाएगी।

हाईकोर्ट बोला- RTI की जानकारी कोई स्टेटमेंट नहीं

लेकिन उसके बाद हाउसिंग बोर्ड मे ये कहकर अनुमति देने से इनकार कर दिया कि बैंक गारंटी 2 मई 2021 तक की है। इसे न तो रिन्यू किया गया था और न ही इसे कोई एक्सटेंशन दिया गया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि RTI के तहत कही गई बात महज एक जानकारी है। स्टार चैनल इसे हाउसिंग बोर्ड का स्टेटमेंट नहीं बता सकता है।