मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है। हालांकि अभी कई जिलों में नामांकन प्रक्रिया ही शुरू हुई है लेकिन अशोकनगर जिले के एक गांव में प्रधान (सरपंच) चुन लिया गया है। लेकिन यह चुनाव वोटिंग प्रक्रिया से नहीं होकर नीलामी प्रक्रिया से हुआ है। सरपंच पद के लिए हुई नीलामी में एक शख्स 44 लाख की बोली लगाकर सरपंच चुन लिया गया।
यह मामला अशोकनगर जिले के भटौली ग्राम पंचायत का है जो चंदेरी जनपद के अंतर्गत आता है। यहां पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में मतदान होना है। लेकिन गांव के ही सौभाग सिंह यादव को सरपंच चुन लिया गया है। दरअसल सरपंच के चुनाव के लिए लिए गांव के ही राधा कृष्ण मंदिर में एक बैठक बुलाई गई थी। गांव के सभी लोगों ने इस बैठक में हिस्सा लिया और तय किया कि इस बार नीलामी प्रक्रिया से सरपंच चुना जाएगा।
कुल चार उम्मीदवारों ने इस नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लिया। मंगलवार को शुरू हुई नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए पांच हजार का शुल्क तय किया गया। इसके बाद नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई। सरपंच पद की नीलामी की शुरुआत 21 लाख रुपए से हुई। इसके बाद बोली 43 लाख तक पहुंच गई। लेकिन 44 लाख की बोली लगाकर सौभाग सिंह यादव ने सरपंच पद अपने नाम कर लिया।
नीलामी प्रक्रिया से सरपंच पद हासिल करने के बाद गांव के लोगों ने सौभाग सिंह यादव का फूल माला पहनाकर स्वागत किया। गांव वालों ने यह भी तय किया कि पंचायत चुनाव के लिए होने वाले नामांकन में कोई भी सौभाग सिंह के खिलाफ नामांकन दाखिल नहीं करेगा। गांव के लोगों के अनुसार नीलामी में मिले पैसे का उपयोग गांव के विकास और मंदिर बनाने के लिए किया जाएगा। साथ ही गांव के लोगों ने यह भी बताया कि चुनाव में होने वाले खर्च को रोकने और शांति बनाए रखने के मकसद से उन लोगों ने सरपंच पद के लिए नीलामी करने का फैसला किया।
बता दें कि मध्यप्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव के पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है। पंचायत चुनाव तीन चरणों में संपन्न कराया जाएगा। अगले साल की 6 जनवरी को पहले चरण के लिए मतदान होगा। इसके बाद दूसरे और तीसरे चरण का मतदान 28 जनवरी और 16 फ़रवरी को होगा। राज्य के 22 हजार 695 ग्राम पंचायतों के लिए होने वाले चुनाव में करीब 71 हजार 398 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे।