मध्य प्रदेश की जीवाजी यूनिवर्सिटी में पीजी की परीक्षाओं में एक आपत्तिजनक प्रश्न पूछे जाने के बाद विवाद शुरू हो गया है। परीक्षा में क्रांतिकारियों को ‘आतंकी’ बताया गया है। विवाद को बढ़ता देख रजिस्ट्रर ने एक्शन लेने की बात कही है। दरअसल यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से राजनीति विज्ञान की प्रश्न पत्र में यह बड़ी चूक सामने आई है। परीक्षा में छात्रों से पूछा गया कि ‘क्रांतिकारी आतंकवादियों के कार्यकलापों का वर्णन कीजिये, उग्रवादी और क्रांतिकारी आतंकवादियों में क्या अंतर है?’ यह सवाल एमए थर्ड सेमेस्टर के पेपर में पूछा गया।

इसी प्रश्न पर जमकर विवाद हो रहा है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। वहीं मामले पर रानजीतिक विवाद को देख यूनिवर्सिटी के कुलपति ने जांच के आदेश और एक्शन लेने की बात कही है। वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट किया ‘यह शर्मनाक भी है और दुःखदायी भी। जिनके बलिदान के कारण हम खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं, उन्हें कोई कैसे आतंकवादी कह सकता है? मध्यप्रदेश सरकार से मेरी मांग है कि तुरंत ऐसे गैरजिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।’

वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है कि इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने ट्वीट किया ‘एम की परीक्षा में “उग्रवादी और क्रांतिकारी आतंकवादियों में क्या अंतर है” इस प्रकार का प्रश्न पूछने का मामला संज्ञान में आया है, यह प्रश्न बनाने वाले पर जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। आतंकवादी कभी क्रांतिकारी नहीं होते है और क्रांतिकारी कभी आंतकवादी नहीं होते है।’

वहीं मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा ‘मैंने इस मामले की तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही प्रमुख सचिव को अपने निवास पर तलब किया। तीन सदस्यीय जांच कमेटी भी गठित की गई है। जांच रिपोर्ट में जो भी तथ्य और दोषी सामने आएंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी। मुझे लगता है कि ये कोई चूक नहीं बल्कि बहुत बड़ी गलती है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा जिससे आगे से कभी ऐसी गलती किसी और यूनिवर्सिटी में न हो।’