करीब दो साल पहले नर्मदा नदी के किनारे तत्कालीन बीजेपी सरकार की ओर से एक दिन में करीब 7 करोड़ पौधे लगवाए गए थे। मध्य प्रदेश के वर्तमान वनमंत्री उमंग सिंघार ने इसे 450 करोड़ रुपये का घोटाला करार दिया है। मंत्री ने इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EWO) को चिट्ठी लिखकर इस मामले में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान, तत्कालीन वन मंत्री गौरीशंकर सेजवार और कुछ शीर्ष वन अधिकारियों की जांच करने के लिए कहा है।

बता दें कि पौधरोपण का यह कार्यक्रम 2 जुलाई 2017 को हुआ था। इसके तहत, 1.21 लाख जगहों पर विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों ने पौधे लगाए थे। चौहान का दावा था कि यह कोशिश गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह दिलाती। बीजेपी सरकार ने दावा किया था कि वन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और कृषि विभाग आदि इस पौधरोपण कार्यक्रम में शामिल थे।

फिलहाल बाकी विभागों ने इस मामले में अभी जांच के आदेश नहीं दिए हैं। वहीं, वन मंत्री ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने ईओडब्ल्यू से इस मामले की जांच करने के लिए कहा है। सिंघार ने कहा कि इस कवायद ने न तो रिकॉर्ड बुक में कोई जगह दिलाई और न ही इससे जुड़ा कोई ऑफिशियल कम्युनिकेशन मौजूद है। सिंघार ने कहा कि पौधरोपण में वक्त लगता है और यह एक दिन का काम नहीं है।

वन मंत्री ने अपने ही विभाग के अधिकारियों को घेरते हुए कहा कि उनके अफसरों ने दोषियों को बचाने के लिए उन्हें भ्रमिक करने की कोशिश की। मंत्री का आरोप है कि इस अभियान के लिए पौधे पास-पड़ोस के राज्यों से बेहद ऊंची कीमत पर खरीदे गए। उनका आरोप है कि इस कवायद के जरिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया।

बता दें कि 24 जिलों में सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक यह पौधरोपण अभियान चलाया गया था। तत्कालीन सीएम चौहान ने नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में पौधे लगाकर इस अभियान की शुरुआत की थी। राज्य के तत्कालीन पब्लिक पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर ने कहा था कि इस अभियान के दौरान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के पदाधिकारी भी कई जगहों पर मौजूद थे।

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)