इस समय जब हर तरफ कोरोना वायरस का प्रकोप है और पुलिस विभाग इस संकट में हर जगह फ्रंट वैरियर्स की तरफ काम कर रहा है, तब मध्य प्रदेश में पुलिस विभाग के कई अफसरों की लापरवाही और ड्यूटी के प्रति उनकी गैरजिम्मेदाराना कार्यप्रणाली की पोल स्वयं राज्य के डीजीपी ने खोली है। उन्होंने सवाल उठाते हुए ऐसे अफसरों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। डीजीपी विवेक जौहरी ने विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर ऐसे 29 कामचोर अफसरों की लिस्ट बनाई है जो या तो नियमित रूप से कार्यालय आते नहीं हैं या आते भी हैं तो देर से पहुंचते हैं। डीजीपी के मुताबिक कई बार फोन करने पर अफसर कार्यालय से अनुपस्थित मिलते हैं। पत्र से विभाग में हड़कंप मच गया है।
डीजीपी की लिस्ट में ऐसे भी कई अफसरों के नाम हैं, जो लंच के लिए निर्धारित समय से काफी अधिक समय तक गायब रहते हैं। डीजीपी ने पत्र में कहा कि ये अफसर अपनी शाखा के मुखिया हैं और इनकी कामचोरी से उनके अधीनस्थ अफसरों और कर्मचारियों पर भी प्रभाव पड़ेगा। खास बात यह है कि ये सभी अफसर उच्च आईपीएस अधिकारी हैं।
छह जून को भेजे पत्र में डीजीपी विवेक जौहरी ने ऐसी लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताते हुए लिखा कि आप समय से कार्यालय में उपस्थित होकर अपने दायित्वों का निर्वहन करें। पत्र में डीजीपी ने लापरवाह अफसरों की स्पष्ट संख्या बताते हुए लिखा कि “ऐसे अधिकारी जो कि सामान्यत कार्यालय नहीं आते हैं, इनकी संख्या तीन है। ऐसे अधिकारी जो कि सामान्यत अपराह्न में कार्यालय में नहीं आते हैं, इनकी संख्या 12 है। भोजनावकाश का समय दोपहर 2 से 2.30 बजे का है, किंतु ऐसे अधिकारी जो कि सामान्यत 2 घंटे या अधिक का भोजनावकाश करते हैं, इनकी संख्या 14 है।”
उन्होंने लिखा कि “मेरे संज्ञान में होते हुए भी यहां उपरोक्त अधिकारियों के नामों का उल्लेख इसलिए नहीं कर रहा हूं कि वे स्वयं ही समझ जाएंगे व भविष्य में कार्यालयीन कार्य एवं समय को महत्व देते हुए कार्यालय में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने आगे लिखा कि यहां यह कहना अप्रासंगिक नहीं होगा कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्यालय में उपस्थित नहीं रहने एवं कार्य को महत्व नहीं दिए जाने से अधीनस्थों की कार्यप्रणाली पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने कहा कि शाखा के प्रभारी होने के नाते आपसे अपेक्षित है कि आप कार्यालयीन समय में उपस्थित रहकर अपने पदीय दायित्वों को का निर्वहन करें एवं अधीनस्थ शाखा के अधिकारियों/कर्मचारियों का सतत मार्गदर्शन भी करें।”
