मध्य प्रदेश कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नक्शे-कदम पर आगे बढ रही है। मोदी और योगी की तरह सीएम कमलनाथ ने भी नकारा और कामचोर अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देना शुरू दिया है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी महकमों के प्रमुखों को आदेश दिया कि वे अपने तहत काम करने वाले सुस्त और भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों की सूची तैयार करें।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक तैयार सूची में 50 साल से अधिक उम्र या 20 साल तक सर्विस कर चुके नकारा अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रिटायरमेंट दी जाएगी। जबकि, इनके अलावा बाकियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। यह फैसल विभिन्न डिपार्टमेंट्स की बैठक करने के बाद लिया गया। सीएम कमलनाथ ने बताया, “कई सारे डिपार्टमेंट्स की कार्यशैली को सुधारने की आवश्यक्ता है। सरकार को उत्तम और क्वालिफाइल लोगों की जरूरत है। ताकि वे बेहतर सोच के साथ आएं और लोगों की उम्मीदों को पूरा करने का काम करें। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमें सुस्त और नाकारा अधिकारियों को हटाना होगा।”
मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों की स्क्रिनिंग के लिए एक महीने का वक्त दिया है। सभी महकमों के प्रमुखों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। जानकारी के मुताबिक रिटायरमेंट के राडार पर सबसे ज्यादा अधिकारी बिजली विभाग, स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग, शिक्षा और शहरी व्यवस्था ताल्लुक रखते हैं।