संसद में पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से गालिब के नाम पर पढ़े गए शेर पर सवाल उठाना लेखक व गीतकार जावेद अख्तर को भारी पड़ गया। लोगों ने गीतकार को सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दे रहे थे।
इस दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को निशाना बनाकर एक शेर पढ़ा। पीएम ने कहा कि यह शेर मिर्जा गालिब ने लिखा था। हालांकि, तथ्यों को गौर पर यह आया है कि पीएम का पढ़ा गया शेर मिर्जा गालिब का नहीं बल्कि सोशल मीडिया की उपज है। राज्यसभा में पीएम ने कहा… शायद इसलिए गालिब ने कहा है… ताउम्र यह भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी आइना साफ करता रहा।
पीएम के संसद में यह शेर सुनाने के बाद सोशल मीडिया पर इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं। गीतकार जावेद अख्तर ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री साहेब ने राज्यसभा में भाषण के दौरान जिस शेर को गालिब के नाम से कोट किया है वह सोशल मीडिया की तरफ से गालिब के नाम के साथ गलत जोड़ दिया गया है। वास्तव में दोनों लाइनें सही मीटर में भी नहीं है।’ जावेद अख्तर का बस इतना लिखते ही सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स ने उनकी खूब क्लास लगाई।
The sher that the prime minister saheb has quoted in his Rajya Sabha speech is wrongly attributed to Ghalib in the Social media . Actually both the lines are not even in the proper meter .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) June 26, 2019
यूजर @SirBobbyDeol ने लिखा, ‘डॉ. ऑर्थो तेल घुटनों की जगह खोपड़ी में लगाया करो, शायद कुछ फायदा हो जाये …’। एक अन्य यूजर @NickNirav1 ने लिखा, ‘इस बात पे अवार्ड वापिस कर दो ना या कोई शरम हो तो तीन तलाक बिल का समर्थन कर दो लेकिन आपसे नहीं हो पाएगा तो कृपिया मुह बंद रखो Communal शायर।’
एक अन्य यूजर @Manjuarun98 ने लिखा की शेर पूरा 56 मीटर का था ..शिकार भी सही किया है उसने। यूजर @H_kumar1 ने लिखा, ‘आप शायरी अच्छी करते हैं मोदी जी देश का नेतृत्व अच्छा करते हैं। ना आपको उनका काम आता ना उनको आपका। वैसे किसी शेर को पढ़ने के लिए जरूरी थोड़ी है कि पढ़ने वाले को मीटर का भी ज्ञान हो।’