लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई है। आशीष मिश्रा के पिता अजय मिश्रा टेनी केंद्र सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं। बता दें कि लखीमपुर हिंसा मामले में कुल 8 लोगों की जान गई थी। जिसमें चार किसान, एक पत्रकार और बीजेपी के कार्यकर्ता शामिल थे।
बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा तीन अक्टूबर को हुई थी। इस मामले में आशीष मिश्रा को एसआईटी (SIT) की 5000 पन्नों की चार्टशीट में मुख्य आरोपी बनाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक आशीष मिश्रा घटनास्थल पर ही मौजूद था। गौरतलब है कि सुनवाई पहले ही पूरी हो चुकी थी। ऐसे में अब जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने आशीष मिश्रा को जमानत दे दी है। माना जा रहा है कि आशीष कल तक जेल से बाहर आ सकते हैं।
जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति राजीव सिंह की खंडपीठ के समक्ष आशीष मिश्रा के वकील तर्क दिया था कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है जिससे साबित हो कि कार के चालक ने मिश्रा के आदेश पर किसानों को कुचला था। ऐसा नहीं कहा जा सकता कि मिश्रा कथित प्रदर्शनकारियों की हत्या के लिए सीधे तौर पर उत्तरदायी हैं।
वहीं दूसरी तरफ शिकायतकर्ता के वकील जगजीत सिंह ने तर्क दिया कि चालक मिश्रा के आदेश के बिना किसानों को नहीं कुचल सकता था। क्योंकि वह एक केंद्रीय मंत्री का बेटा होने के कारण काफी प्रभावशाली व्यक्ति भी है। हालांकि, हिंसा मामले में पीड़ितों के वकील इस संबंध में कोई सबूत नहीं दे सके। सुनवाई के आखिरी क्षणों में, जब अदालत आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखने वाली थी, तो उनके वकील द्वारा एक सुधार आवेदन दायर किया गया था, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
अपनी जमानत याचिका में आशीष मिश्रा की तरफ से तर्क दिया गया था कि जब उक्त घटना हुई तब वह अपनी कार में नहीं थे बल्कि वह गांव बनवीरपुर में दंगल समारोह में शामिल थे। जो घटना स्थल से 4 किलोमीटर दूर है। मिश्रा के वकील ने आगे तर्क दिया है कि अगर अभियोजन पक्ष की कहानी को भी सच माना जाता है, तो भी उन्हें अपने बचाव का अधिकार था।
बता दें कि इसके पहले मिश्रा ने निचली अदालत में जमानत की अर्जी दी थी। लेकिन वहां से अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया था। यूपी में चुनावी माहौल के बीच में आशीष मिश्रा को जमानत मिलने के बाद देखना होगा विपक्ष इस मुद्दे को किस तरह से भुनाता है।
क्या था मामला: बीते साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में चार किसानों को एक एसयूवी कार से रौंदा गया था। किसान कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर वापस लौट रहे थे। आरोप के मुताबिक जिस एसयूवी से किसानों को कुचला गया वो केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें आशीष मिश्रा सवार था। जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने ड्राइवर समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी।