ओडिशा के पुरी से मंगलवार (20 जून, 2023) को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू हो जाएगी। श्री जगन्नाथ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के अवतार भगवान जगन्नाथ विराजमान हैं। कल बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ भगवान जगन्नाथ भ्रमण पर निकलेंगे। उससे पहले आज प्रभु जगन्नाथ के नेत्र उत्सव के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं।

पूरे शहर में बनाए गए 14 जोन और 29 सेक्टर

जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा में 25 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। इसे लेकर प्रशासन ने तैयारियों के कड़े इंतजाम किए हैं। ओडिशा सरकार ने दूसरे शहरों और देशों से विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल होने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुलिस बल तैनात किया है और पूरे शहर को 14 जोन और 29 सेक्टर में बांट दिया है।

भक्तों को गर्मी और लू से बचाने के लिए किए गए खास इंतजाम

वहीं, भीषण गर्मी को देखते हुए प्रशासन ने लू से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं और तकरीबन 25 लाख पानी की बोतलों को स्टॉक किया है। बोतलों को बांटने की जिम्मेदारी वॉलंटियर्स की होगी। इसके साथ ही बढ़ते तापमान को रोकने और श्रद्धालुओं को राहत पहुंचाने के लिए वॉटर स्प्रिंकलर सिस्टम लगाया गया है और मशीनों से पानी का छिड़काव किया जाएगा।

160 प्लाटून पुलिस बलों की तैनाती, 72 एंबुलेंस

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी गर्मी और लू की स्थिति को देखते हुए प्रशासन से खास इंतजाम करने के लिए कहा था। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए थे कि श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए खास इंतजाम किए जाएं ताकि वह यहां से अच्छा अनुभव लेकर जाएं। न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बात करते हुए ओडिशा के डायरेक्ट जनरल ऑफ पुलिस सुनील कुमार बंसल ने कहा कि 20 जून से रथ यात्रा शुरू हो रही है, जिसमें लाखों श्रद्धालू शामिल होने वाले हैं। इसे देखते हुए स्थिति की निगरानी के लिए 160 प्लाटून पुलिस बल और अधिकारियों को तैनात किया गया है। साथ ही इमरजेंसी के लिए 72 एंबुलेंस भी यात्रा रूट पर तैनात की जानी की योजना है और मरीजों को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा।

इससे पहले नवीन पटनायक ने तैयारियां जायजा लेते हुए संबंधित विभागों और अधिकारियों को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाने और लू से बचने के लिए विशेष इंतजाम करने के लिए कहा था। एक आधिकारिक बयान में यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा से जुड़े रीति रिवाजों कों मंदिर में समय से किया जाना चाहिए।

क्या है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का इतिहास

पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का सालों से आयोजन किया जा रहा है। इस रथयात्रा में वह भव्य रथ पर अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर का भ्रमण करते हैं। हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि पर यात्रा का शुभारंभ होता है, जो तीन दिन चलता है। तीनों भाई बहन विशालकाय रथ पर विराजमान होकर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। इस मंदिर को उनकी मौसी का घर भी माना जाता है।

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट के सेक्रेटरी आलोक शापुरी ने बताया कि रथयात्रा की शुरुआत ज्येष्ठ पूर्णिमा से हो जाती है, जब भगवान जगन्नाथ स्नान के बाद बीमार होने के बाद 14 दिनों के लिए विश्राम अवस्था में जाते हैं। इस दौरान, अस्सी क्षेत्र में स्थित मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं। बीमारी के इन दिनों में भगवान जगन्नाथ को जड़ी-बूटियों से बना गर्म खाना दिया जाता है। प्रभु जगन्नाथ को ठीक करने के लिए परवल और तुलसी के काढ़े का भोग लगाया जाता है। बीमारी से ठीक होने के बाद प्रभु भक्तों को दर्शन देते हैं और इसके अगले दिन से वह अपने भाई और बहन के साथ भ्रमण पर निकलते हैं और इस रथ यात्रा के लिए देश विदेश से लोग पुरी पहुंचते हैं।