उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के बीच में गठबंधन फाइनल हो गया है। बताया जा रहा है कि 17 सीटों पर कांग्रेस भी चुनाव लड़ने वाली है। अब उसी कड़ी में दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है जिसमें गठबंधन को लेकर विस्तार से बताया गया है। आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है, वहीं जो बची हुई 63 सीटे हैं, उन पर सपा और दूसरी सहयोगी दलों लड़ने वाले हैं।

जिन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ने वाली है, उनमें वाराणसी, गाजियाबाद, अमेठी, रायबरेली, कानपुर शामिल है।जानकारी के लिए बता दें कि यूपी में सीट शेयरिंग बीच में फंस गई थी। एक तरफ कांग्रेस 20 से कम सीटों पर राजी नहीं हो रही थी तो वहीं सपा भी कांग्रेस को 11 से ज्यादा देने को तैयार नहीं थी। इसी वजह से कई मीटिंग के बाद भी कोई फैसला नहीं हो पा रहा था। लेकिन सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा चल रही है कि इस डील के फाइनल होने में प्रियंका गांधी का बड़ा हाथ है, उन्होंने खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव को फोन कर गठबंधन करने के लिए बोला और उसके बाद ही फिर सहमति बनने के आसार दिखे।

अब वो सहमति भी बन चुकी है और लोकसभा चुनाव में यूपी के अंदर भी इंडिया गठबंधन मजबूत होने जाज रहा है। बड़ी बात ये है कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन गया है जहां पर इंडिया गठबंधन औपचारिक तौर पर अब चुनाव लड़ने जा रहा है। बात अगर बंगाल की हो, पंजाब की हो या दिल्ली की, तो वहां पर अभी तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वैसे दिल्ली को लेकर कहा जा रहा है कि वहां भी एक दो दिन में डील फाइनल की जा सकती है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुद इस बात की पुष्टि कर दी है। लेकिन उनका ये भी कहना है कि गठबंधन पर फैसला जल्दी होना चाहिए, ज्यादा देर करना ठीक नहीं।

वैसे आम आदमी पार्टी के साथ तो कांग्रेस को पंजाब को लेकर भी कोई फैसला करना है। आम आदमी पार्टी ने तो अकेले लडऩे का ऐलान कर दिया है, ऐसे में गठबंधन की गुंजाइश पहले ही काफी कम चल रही है। पश्चिम बंगाल में तो गठबंधन की सारी संभावनाएं खत्म हो गई हैं क्योंकि ममता बनर्जी ने अब कांग्रेस के साथ जाने से ही मना कर दिया है। कांग्रेस की तरफ से भी लगातार तल्ख बयानबाजी देखने को मिल रही है।