‘विकसित भारत जी राम जी’ विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है। यह विधेयक भारी हंगामे के बीच पारित हुआ। इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर विपक्षी सांसदों द्वारा कागज फेंके गए।
पिछले कई दिनों से इस विधेयक को लेकर विवाद चल रहा था। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर महात्मा गांधी का नाम योजना से हटाया। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने कहा कि विकसित भारत के विजन को ध्यान में रखते हुए योजना में बदलाव किए गए।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विपक्ष बापू के आदर्शों की हत्या कर रहा है। कल सदन में मैंने रात के डेढ़ बजे तक माननीय सदस्यों की बात सुनी। अपनी बात सुना दो और हमारी न सुनो; यह भी हिंसा है। बापू हमारे आदर्श हैं, हमारी प्रेरणा हैं। हम महात्मा गांधी जी के आदर्शों पर चलने वाले हैं इसलिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पंचनिष्ठा में गांधी जी के सामाजिक, आर्थिक दर्शन को स्थान दिया है।
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि ये देश हमारे लिए जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता-जागता राष्ट्रपुरुष है। हम जिएंगे तो इसके लिए और अगर मरना पड़ा, तो मरेंगे भी इसके लिए।
केंद्र सरकार क्यों लाई VB-G RAM G योजना?
मनरेगा के स्थान पर केंद्र सरकार के VB- G RAM G योजना के विधेयक में कहा गया कि इसका उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है। विधेयक में इस योजना के प्रस्ताव के उद्देश्य में कहा गया कि पिछले 20 साल में MGNREGA ने ग्रामीण परिवारों को रोजगार दिया, लेकिन गांवों में हुए सामाजिक-आर्थिक बदलाव हुए हैं। उनके आधार पर ही अब समय आ गया है कि इस योजना को ज्यादा मजबूत किया जाए।
VB- G RAM G में कितने दिन रोजगार मिलेगा?
अभी तक के प्रावधान के मुताबिक मनरेगा में साल भर में 100 दिन रोजगार मिलता है लेकिन नई योजना में सालाना 125 दिन के रोजगार का प्रस्ताव है। प्रस्तावित विधेयक के तहत बिना कौशल वाले काम को करने को तैयार प्रत्येक ग्रामीण परिवार को हर साल 125 दिन का वेतनयुक्त रोजगार मिलेगा।
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