लोकसभा चुनावों को लेकर सभी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। दूसरे दलों की अपेक्षा बीजेपी बड़े स्तर पर अपनी रणनीति के तहत नीचे से ऊपर तक कार्यकर्ताओं और जनता के बीच संबंध मजबूत करने में लगी है। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि 2024 के चुनावों से पहले बीजेपी 70 दिनों में 11 बड़े पैमाने पर आउटरीच कार्यक्रम चलाएगी जो 15 मार्च से पहले पूरे हो जाएंगे। सूत्रों के हवाले से एएनआई ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को क्रियान्वित करने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी ने अपने चार राष्ट्रीय महासचिवों को जिम्मेदारी दी है, सभी को अलग-अलग मोर्चा का प्रभार दिया गया है ।

बीजेपी अपने मोर्चे के जरिए जमीनी स्तर तक जाएगी

इससे पहले राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस देश में चार जातियां हैं, जिनके विकास के लिए हमें निरंतर प्रयास करना होगा, जिनमें गरीब, महिलाएं, किसान और युवा शामिल हैं। बीजेपी अपने मोर्चे के जरिए जमीनी स्तर तक जाएगी। देश के विभिन्न वर्गों तक पहुंचने के लिए मोर्चों को चार कार्यक्रम दिए गए हैं।

बीजेपी अपने मोर्चे के जरिए जमीनी स्तर तक जाएगी। देश के विभिन्न वर्गों तक पहुंचने के लिए मोर्चों को चार कार्यक्रम दिए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र की नेता विजया रहाटकर और देश के दक्षिणी हिस्से से वनिथि श्रीनिवासन 1.25 करोड़ महिला स्वयं सहायता समूहों से संपर्क करेंगी और उन्हें बीजेपी की लाभकारी योजनाओं से अवगत कराएंगी। इन महिला स्वयं सहायता समूहों को बीजेपी में शामिल किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका वोट पार्टी को मिले।

सूत्रों ने कहा, “गरीबों- एससी/ओबीसी के लिए – तरुण चुघ और विनोद तावड़े को प्रभार दिया गया है। महिला/महिला मोर्चा के लिए – बैजयंत जय पांडा, युवा/युवा मोर्चा के लिए – सुनील बंसल, महिला स्वयं सहायता समूह के लिए – तरुण चुघ और किसान/किसान मोर्चा – संजय बंदी प्रभारी बनाए गये हैं।”

उन्होंने कहा, “एसटी मोर्चा की कमान राधा मोहन दास अग्रवाल को सौंपी गई है, अल्पसंख्यक मोर्चा की देखरेख दुष्यंत गौतम करेंगे और स्वनिधि योजना की देखरेख अरविंद मेनन करेंगे।”