लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली की चुनावी बिसात बिछनी शुरू हो गई है। दिल्ली में लोकसभा की कुल सात सीट हैं और अभी इन सातों ही सीटों पर भाजपा का कब्जा है। इस कब्जे को खत्म करना ही इस चुनाव में विपक्षी गठबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। यहां भाजपा के नेताओं की सीधी टक्कर विपक्षी गठबंधन में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के साथ है। संभावना जताई जा रही है कि यहां विपक्षी गठबंधन एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेगा और सात सीटों में से चार सीट पर आप और तीन सीट पर कांग्रेस अपना दावा ठोक रही है।
दावेदारी का आधार बीते लोकसभा व विधानसभा के मतदान फीसद को माना जा रहा है। यह गठबंधन किन सीट पर होगा और कौन उम्मीदवार होगा, इस समीकरण को लेकर कांग्रेस की विशेष समिति के बीच कई स्तरीय बैठक हो गई है। हाल ही में बिहार के ताजा समीकरण और राहुल गांधी की यात्रा की वजह से अब तक अंतिम फैसला लटका हुआ है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की निगाह उत्तर पूर्व, पूर्व, चांदनी चौक पर है। इन सीटों में अब उत्तर पूर्व या पूर्व सीट पर सहमति नहीं बनती है तो नई दिल्ली की सीट पर कांग्रेस दावेदारी कर सकती है। अभी तक उत्तर पूर्व सीट के लिए दौड़ में सबसे आगे प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, पूर्वी दिल्ली से संदीप दीक्षित और चांदनी चौक से पूर्व सांसद जय प्रकाश अग्रवाल का नाम बताया जा रहा है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्वी दिल्ली से जुड़ी दोनों सीटों से किसी भी सीट पर सहमति नहीं बनती है तो इस स्थिति में पूर्व सांसद व पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन का नाम दौड़ में सबसे आगे हैं। विपक्षी गठबंधन के बीच जारी घमासान को देखते हुए कांग्रेस अन्य सीटों पर भी अपनी पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि इस कड़ी में उत्तर पश्चिम से कांग्रेस नेता कृणा तीरथ या उदितराज, चांदनी चौक से अलका लांबा, दक्षिणी दिल्ली से रमेश कुमार और चतर सिंह, और पश्चिम दिल्ली से देवेंद्र यादव व मुकेश शर्मा का नाम चल रहा है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि गठबंधन की स्थिति में क्या समीकरण होंगे, इसका आखिरी फैसला पार्टी आलाकमान द्वारा किया जाएगा। इसके लिए विपक्षी दलों के नेताओं से चर्चा की जा रही है और जल्द ही गठबंधन की स्थिति भी साफ हो जाएगी।
दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। दिल्ली में इसके लगातार सकारात्मक बातचीत की जा रही है। पार्टी गठबंधन होने या नहीं होने दोनों स्थितियों के आधार पर काम कर रही है। इसका आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को लाभ होगा।
2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कुल 56.9 फीसद मत मिले थे। इसमें 49 लाख मतदाताओं की हिस्सेदारी थी। कांग्रेस कुल 22.6 फीसद और आम आदमी पार्टी को कुल 18.2 फीसद मत मिले थे, जबकि अन्य दलों के खाते में कुल 2.3 फीसद मत थे।
बीते लोकसभा चुनाव में पांच सीट पर दूसरे नंबर पर थी कांग्रेस
1- उत्तर पूर्व दिल्ली सीट पर सांसद मनोज तिवारी ने करीब 54 फीसद मतों के साथ अपनी जीत दर्ज कराई थी। यहां पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को करीब 19 फीसद और आम आदमी पार्टी दिलीप पांडेय को तेरह फीसद मत मिले थे।
2-पूर्वी दिल्ली सीट पर गौतम गंभीर ने करीब 55 फीसद मत मिले थे, जबकि यहां कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली को यहां पर 24 फीसद से अधिक मत मिले थे और आप नेता आतिशी को यह मत फीसद 17 फीसद से अधिक था।
3-नई दिल्ली सीट पर सांसद मीनाक्षी लेखी ने करीब 55 फीसद मत से जीत दर्ज कराई थी। यहां कांग्रेस नेता अजय माकन को करीब 27 फीसद और आप पार्टी नेता बृजेश गोयल करीब 16 फीसद मत मिले थे।
4-पश्चमी दिल्ली सीट सांसद प्रवेश वर्मा साठ फीसद से अधिक मतों से जीते थे, यहां कांग्रेस नेता महाबल मिश्रा को करीब 19 फीसद और आप नेता बलबीर सिंह को 17 फीसद मत मिले थे।
5-चांदनी चौक सीट पर सांसद हर्षवर्धन ने 53 फीसद मतों से जीत दर्ज कराई थी, जबकि यहां कांग्रेस का नेता जय प्रकाश अग्रवाल 30 फीसद और आप नेता पंकज गुप्ता को 15 फीसद ही मत मिले थे।
6-उत्तर पश्चिम सीट से सांसद हंसराज हंस ने 39.48 फीसद मतों के साथ जीत दर्ज कराई थी। यहां दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के नेता गूगन सिंह थे।
7-दक्षिण दिल्ली सीट से सांसद रमेश बिधूड़ी जीते थे। उन्होंने 30.27 फीसद मतों के अंतर से अपनी जीत दर्ज कराई थी। यहां पर आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्डा मैदान में थे और आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पर थी।
