साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार एकबार फिर से वोटर्स को रिझाने का प्रयास करने वाली है। इस कड़ी में केंद्र सरकार ग्रामीण संवाद यात्रा निकालने का प्लान बना रही है। इस यात्रा को निकालने के पीछे बीजेपी के दो मकसद बताए जा रहे हैं- पहला, अपनी उपब्लधियों को जनता के बीच लेकर जाना और दूसरा, केंद्र सरकार की योजना का फायदा आखिरी पंक्ति के लिए नए लाभार्थियों तक सुनिश्चित करना।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, GPS और ड्रोन से इक्विप्ड 1500 रथ देशभर में 2.5 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों को कर करेंगे। इन रथों को ‘पूरी तरह से सरकारी दृष्टिकोण” पर कांसेप्चुअलाइज किया गया। कहा जा रहा है कि सरकार का यह प्लान दो महीने तक चल सकता है। हालांकि अभी इसकी लॉन्च की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन पता चला है कि यात्रा अक्टूबर-नवंबर में शुरू हो सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस यात्रा की रूपरेखा तय करने में PMO और पीएम-किसान, पीएम-मुद्रा योजना, पीएम-जन धन योजना, पीएम-आवास योजना सहित प्रमुख योजनाओं के प्रभारी मंत्रालय शामिल हैं। हाल ही में लॉन्च की गई पीएम-विश्वकर्मा योजना इस कवायद में शामिल है।
इस प्रोग्राम पर 23 सितंबर को पीएमओ में हुई मीटिंग में चर्चा हो चुकी है, जिसका नेतृत्व पीएम के एडवाइजर अमित खरे ने किया था। कहा जा रहा है कि यात्रा के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले रथ न सिर्फ GPS और ड्रोन से इक्विप्ड होंगे बल्कि इनमें LED डिस्प्ले स्क्रीन भी होंगे और प्रिलोडेड ऑडियो वीडियो कंटेट भी होगा, जे केंद्र सरकार की योजनाओं का हाईलाइट करने और नई टेक्नॉलोजी व इनोवेशन दिखाने के काम आए आएगा।
हर रथ डेली तीन ग्राम पंचायतें कवर करेगा
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हर रथ द्वारा प्रति दिन तीन ग्राम पंचायतें कवर किए जाने की उम्मीद है। इनके साथ योजनाओं को लागू करने वाले सरकारी विभागों के चार-पांच अधिकारियों रहेंगे। ये अधिकारी पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ उठाने की सुविधा प्रदान करेंगे और मौके पर ही शिकायत का समाधान भी करेंगे।
PM के मैसेज से शुरू होगा इवेंट
यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले से रिकॉर्ड किए गए संदेश के साथ शुरू होने और VVIP व अन्य प्रतिभागियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के साथ समाप्त होने की संभावना है। रथ के साथ चुने गए प्रतिनिधि, योजनाओं के लाभार्थी, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के सदस्य और किसान उत्पादक संगठनों के सदस्यों के भी आने की संभावना है।
लोगों की भीड़ जुटाने के लिए रथ के गांव में पहुंचने से एक दिन पहले सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है। ‘धरती कहे पुकार के’ नामक कार्यक्रम का विषय केमिकल फर्टिलाइजर का विवेकपूर्ण उपयोग और जैविक खाद को बढ़ावा देना होगा। कल्चरल प्रोग्राम के लिए लगभग 7,500 कलाकारों की मंडलियों को ट्रेनिंग देने के लिए संस्कृति मंत्रालय को शामिल किया जा सकता है।
बीजेपी के स्लोगन ‘सबका साथ, सबका विकास’ को ध्यान में रखकर पीएम नरेंद्र मोदी अक्सर कल्याणकारी योजनाओं को समाज की आखिरी पंक्ति तक ले जाने की जरूरत पर जोर देती है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 2021 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में कहा था, “100% गांवों में सड़कें होनी चाहिए, 100% परिवारों के पास बैंक खाता होना चाहिए, 100% लाभार्थियों के पास आयुष्मान भारत कार्ड होना चाहिए, 100% पात्र व्यक्तियों के पास उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन होना चाहिए और 100% लाभार्थियों के पास आवास होना चाहिए।”
उन्होंने केंद्रीय बजट 2022 पर एक वेबिनार के दौरान भी इस बात को दोहराया था। यह बताते हुए कि उनकी सरकार ने पानी, बिजली, गैस कनेक्शन, शौचालय और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की हैं, उन्होंने कहा, “अब इन योजनाओं को पूरा करने, उन्हें हासिल करने का समय है। इसके लिए हमें नई रणनीति भी अपनानी होगी…हमें नई तकनीक पर भी ध्यान देना होगा ताकि परियोजनाएं तेजी से पूरी हों और गुणवत्ता से समझौता न हो।”