लोकसभा चुनाव से पहले अमरावती से मौजूदा सांसद और भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी नवनीत राणा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने 2021 में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया। मामला उनके कास्ट सर्टिफिकेट से जुड़ा हुआ है। हाईकोर्ट ने इसको जाली बताते हुए खारिज कर दिया और 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद नवनीत राणा की संसदीय सदस्यता भी खतरे में पड़ गई थी।
अपने पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद नवनीत ने सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि आज, जिन्होंने मेरे जन्म पर सवाल उठाया था, उन्हें उनका जवाब मिल गया। मैं सुप्रीम कोर्ट की आभारी हूं। सच्चाई की जीत हुई। यह उन लोगों की जीत है जो बाबा साहेब अंबेडकर और छत्रपति शिवाजी महाराज के दिखाए रास्ते पर चलते हैं।
फैसला रखा था सुरक्षित
नवनीत राणा का जाति प्रमाण पत्र 2021 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने अमान्य कर दिया था। इसके बाद नवनीत राणा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। साथ ही फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले पर दोनों गुटों की बहस 28 फरवरी को पूरी हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद आज जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट ने उनके जाति प्रमाण पत्र को भी एकदम सही माना है। बता दें कि नवनीत राणा एक बार फिर अमरावती की आरक्षित सीट से चुनाव लड़ रही हैं। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है।
2019 में निर्दलीय जीतीं चुनाव
नवनीत राणा ने 2014 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के टिकट पर अमरावती से लोकसभा चुनाव लड़ा था। तब वे हार गई थीं। इसके बाद उन्होंने 2019 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपनी किस्मत आजमाई थी। इसके वह कामयाब रहीं। उन्होंने एनसीपी के समर्थन से अमरावती से तत्कालीन शिवसेना सांसद आनंदराव अडसुल को 36,951 वोटों के अंतर से करारी शिकस्त दी थी। रवि राणा महाराष्ट्र के बडनेरा से एक निर्दलीय विधायक हैं। नवनीत राणा ने हाल ही पति की पार्टी को छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ली है।