केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई और बिहार के हाजीपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद पशुपति कुमार पारस रविवार को अपने क्षेत्र के हरिवंशपुर गांव पहुंचे। यहां उन्होंने दवाइयां और एईएस की वजह से मरे बच्चों के परिजनों के बीच 5-5 हजार रुपये वितरित किए। दरअसल, यह क्षेत्र एईएस से प्रभावित है। एईएस की वजह से कई बच्चों की मौत के बाद जब स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने यहां आने की जहमत नहीं उठायी तो कल (शनिवार) ग्रामीणों ने रामविलास पासवान की गुमशुदगी का पोस्टर लगाया था। पोस्टर में लिखा था, “केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान लापता हैं। खोजने वालों को 15 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। निवेदक- हरिवंशपुर पीड़ित परिवार गांव (वैशाली)।”

स्थानीय विधायक भी लोजपा पार्टी के ही हैं। आरोप है कि वे भी लंबे समय से क्षेत्र में नहीं पहुंचे थे। ग्रामीणों ने पोस्टर विधायक को खोजकर लाने वाले को 5,000 रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की थी। बताया जाता है कि इस गांव में सात बच्चों की मौत हो गई है। बच्चों की मौत के बाद जनप्रतिनिधियों के नहीं आने जनता में आक्रोश था। रविवार को जब लालगंज के लोजपा विधायक राज कुमार शाह पशुपति पारस के साथ हरिवंशपुर गांव पहुंचे थे तो नाराज ग्रामीणों ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने उन्हें काफी बुरा-भला कहा। ‘राज कुमार शाह मुर्दाबाद’, ‘राजकुमार विधायक होश में आओ’ जैसे नारे लगाए। ग्रामीणों ने विधायक को बंदी बना लिया। बाद में जब पुलिस-प्रशासन वहां पहुंची तब उन्हें मुक्त कराया गया।

हालांकि, ग्रामीणों की नाराजगी के बीच सांसद ने उन्हें समझाया कि सरकार द्वारा हर संभव सहायता की जाएगी। उन्होंने कहा, “सरकार इस बीमारी को लेकर काफी चिंतित है। हम सब उन परिवारों का दर्द समझते हैं, जिनके बच्चे इस बीमारी की वजह से अब दुनिया में नहीं हैं। बीमारी से होने वाली मौत के रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।”