आतंकी संगठन आईएसआईएस के कब्‍जे से बच कर निकले एक बच्‍चे ने खौफनाक आपबीती सुनाई है। अमेरिकी समाचार चैनल सीएनएन ने उससे बातचीत की है। 12 साल के नासिर को आईएसआईएस आत्‍मघाती हमलावर के रूप में तैयार कर रहा था। अब वह कुर्दिस्‍तान के शरणार्थी शिविर में अपनी मां के साथ रह रहा है। उसने बताया कि उसके साथ 59 और बच्‍चों को आत्‍मघाती हमलावर बनाया जा रहा था। इनमें सबसे कम उम्र का बच्‍चा पांच साल का था। उसे भी सख्‍त ट्रेनिंग दी जाती थी और किसी तरह की छूट नहीं मिलती थी। उन सबके लिए सबसे बुरा वक्‍त तब आता था जब हवाई हमले होते थे। उस दौरान सभी को एक सुरंग में छिपने के लिए भेज दिया जाता था। उसने बताया कि वहां उसका खयाल घर से भी अच्‍छे तरीके से रखा जाता था। ट्रेनिंग के दौरान सिखाया जाता था कि आपके मां-बाप काफिर हैं और आपका पहला काम उन्‍हें मारना होगा। नासिर ने बताया- हमें रोने की आजादी नहीं थी। मुझे मां और घर की याद आती थी तो मैं चुपके से छिप कर रोता था।

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नासिर के बारे में दुनिया को तब पता चला जब आईएसआईएस ने एक प्रोपैगंडा वीडियो में उसका इस्‍तेमाल किया। उसके साथ आईएसआईएस के चंगुल से बच निकलने में कामयाब रहे बच्‍चों में 11 साल का नौरी भी है। परिवार सहित अगवा कर लाए गए नौरी ने जब ट्रेनिंग में भाग लेने से इनकार कर दिया था तो उसके पांव के तीन टुकड़े कर दिए गए थे। इसके बाद आतंकियों ने उसे ‘नाकारा’ घोषित कर रहम खाते हुए उसकी दादी को संदेश भिजवाया कि वह पोते को घर ले जाए। उसके पांच साल के भाई समां को भी रिहा कर दिया गया। उसे भी आईएसआईएस के आतंकी खूब पीटते और प्रताडि़त करते थे।

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आईएसआईएस के कब्‍जे में रहने वाले बच्‍चों को बाल तक कटाने की छूट नहीं थी। कैम्‍प से रिहा होने में कामयाब रहे एक बच्‍चे के मन में इतना खौफ समाया है कि वह अभी भी बाल कटाने से डरता है।