नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने खुलासा किया है कि स्कॉर्पीन पनडुब्बी से जुड़ी जानकारी भारत से नहीं बल्कि फ्रांस में डीसीएनएस दफ्तर से लीक हुई थी। मुंबई में युद्धपोत मारमुगाओ के जलावतरण के मौके पर उन्होंने ये बात कही। एडमिरल लांबा ने ये भी कहा कि पनडुब्बी लीक मामले की जांच में उच्चस्तरीय कमेटी जुटी हुई है। मझगांव डॉक पर मारमुगाओ के अवतरण के बाद मीडिया से बात करते हुए लांबा ने कहा, “जानकारी फ्रांस से लीक हुई है, शुरुआती जांच में ऐसा पता लगा है।” उन्होंने कहा कि स्कॉर्पीन पनडुब्बी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी कहां और कैसे लीक हुई, इसकी जांच की आंच भारत-फ्रांस-ऑस्ट्रेलिया तक फैली है। शुरुआती जांच में लीक का इशारा फ्रांस की तरफ हुआ है। इस मामले पर नौसेना प्रमुख ने भी कहा, “एक उच्च स्तरीय कमेटी हमारी तरफ से जांच कर रही है, वैसे ही फ्रांस में भी जांच हो रही है। इस जानकारी के आधार पर हम देखेंगे कि क्या करने की ज़रूरत है।”
कुछ दिनों पहले ऑस्ट्रेलियाई अखबार द ऑस्ट्रेलियन में स्कॉर्पीन पनडुब्बी से जुड़े 235 अरब रुपये के प्रोजेक्ट से 22,400 पन्नों के लीक होने की खबर सामने आई थी। तब रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस मामले में रिपोर्ट तलब की। वहीं विपक्ष ने इसे देश की सुरक्षा में गंभीर चूक करार दिया। कुछ जानकारों ने इसे कॉरपोरेट वॉर का नतीजा भी बताया था। फ्रांसीसी रक्षा सौदों के कॉन्ट्रैक्टर डीसीएनएस के जरिये डिजाइन और मझगांव डॉक पर बनाई जा रही स्कॉर्पीन क्लास की पनडुब्बी से जुड़ी जानकारी का लीक होना यकीनन नौसेना की ताकत पर बड़ा प्रहार है। इस सौदे के तहत 6 पनडुब्बियां बननी हैं, जिसमें पहले आईएनएस कलवरी तैयार हो रही है, लेकिन इस लीक के बाद प्रोजेक्ट के देर होने की आशंका बढ़ गई है।
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