अयोध्या मामले में वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने मुस्लिम पक्षकारों की परैवी करने पर मिली धमकी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई। मामले में पहले अवमानना याचिका दाखिल करने के बाद राजीव धवन ने गुरुवार को शीर्ष अदालत के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उनके क्लर्क को लगातार धमकी दी जा रही थी और बुधवार को अदालत परिसर में उसके ऊपर हमला किया गया। धवन ने यह भी आरोप लगाए कि उन्हें भी फेसबुक पर धमकी भरे मैसेज भेजे जा रहे हैं।
देश के चीफ जस्टिस (CJI) रंजन गोगोई की बेंच के समक्ष दायर शिकायत में धवन ने अपने क्लर्क के साथ हुई धक्का-मुक्की का जिक्र किया। धवन ने कहा, “यह सुनवाई के लिए अच्छा माहौल नहीं है।” उन्होंने कहा कि कोर्ट परिसर में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए और आपका (CJI) एक शब्द इस मामले के लिए काफी है। ऑल इंडिया सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से अयोध्या मामले में वकील राजीव धवने ने सुनवाई के 22वें दिन कहा, “मुझे यह साफ करने दीजिए कि मैं किसी का भी तरफ़दार नहीं हूं और निश्चित रूप से हिंदू मान्यताओं के खिलाफ बहस नहीं कर रहा।”
हमले की निंदा करते हुए बेंच ने कहा, “हम इसे रिकॉर्ड में दर्ज करते हैं, ताकि ऐसा व्यवहार दोबारा घटित नहीं होना चाहिए। हम बहस के मध्य में हैं। दोनों तरफ के वकीलों को बिना किसी के प्रभाव में आए स्वतंत्र होकर अपनी बात रखनी चाहिए। हम इसकी गंभीरता से निंदा करते हैं।” अयोध्या मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगई के अलावा जस्टिस एसए बोबड़े, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नज़ीर बेंच के सदस्यों में शामिल हैं। चीफ जस्टिस ने धवन से सुरक्षा लेने को कहा, तब उन्होंने मना कर दिया।