मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद हर तरफ गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की चर्चा है। जेल में बंद 31 साल के गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 700 शूटर्स वाले मजबूत गैंग का नेतृत्व करने वाला डॉन बताया है।
एनआईए ने मार्च 2023 में बिश्नोई और 15 अन्य के खिलाफ यूएपीए मामले में दायर अपने 128 पन्नों के आरोपपत्र में कहा है कि पंजाब, राजस्थान , हरियाणा और दिल्ली में उसके खिलाफ 84 मामले दर्ज हैं। इसमें कहा गया है कि बिश्नोई के गैंग में 700 गुर्गे हैं, जिनमें से 300 उसके होम टाउन पंजाब से हैं।
एजेंसी ने उसके सिंडिकेट को एक ऐसे सिंडिकेट के रूप में बताया है जिसे उसने जबरन वसूली रैकेट के माध्यम से कमाए गए पैसे को आगे निवेश करने के लिए खालिस्तान समर्थकों के साथ गठबंधन बनाया।
कैसे काम करता है लॉरेंस का गैंग?
NIA ने लॉरेंस के गिरोह के काम करने के तरीके के बारे में भी बताया। एजेंसी ने कहा, “एक ऑपरेशन में शामिल गिरोह के सभी सदस्यों को बाकी सदस्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। हत्या के समय मौजूद गिरोह के सदस्य भी अक्सर एक-दूसरे को नहीं जानते हैं इसलिए अगर कोई गिरफ्तार हो जाता है तो गिरोह के बाकी सदस्य सुरक्षित रहते हैं।”
सोशल मीडिया के ज़रिए भी लॉरेंस बिश्नोई के गैंग में भर्ती
एनआईए ने दावा किया कि सोशल मीडिया के ज़रिए भी बिश्नोई के गैंग में भर्ती होती है। सह-आरोपी के बयानों का हवाला देते हुए एजेंसी ने कहा, “गिरोह सोशल मीडिया के ज़रिए नए सदस्यों की भर्ती करता है। गैंग सोशल मीडिया पर आपराधिक/आतंकवादी गतिविधियों को पोस्ट करता था और इस तरह के पोस्ट देखकर नए लोग हमारे गिरोह में शामिल होने के लिए संपर्क करते थे। इसके बाद गैंग सोशल मीडिया के ज़रिए मिले अनुरोधों की जांच करता था और ज़रूरत के हिसाब से लोगों को शॉर्टलिस्ट करता था।”
क्या कहती है NIA की चार्जशीट?
मार्च 2023 की अपनी चार्जशीट में एनआईए ने कहा था, “बिश्नोई सिंडिकेट अपने महत्वपूर्ण सदस्यों और हत्यारों को खालिस्तान समर्थक तत्वों की मदद से अपनी पसंद के देशों में बसाने की कोशिश कर रहा है, जो दुनियाभर में फैले हुए हैं। इसने गैंगस्टर और खालिस्तान समर्थक तत्वों के बीच एक आतंकवादी-गैंगस्टर नेटवर्क बनाया जो टारगेट किलिंग को अंजाम देने के लिए शूटरों की भर्ती करता है और बदले में सीमा पार से अत्याधुनिक हथियार प्राप्त करते हैं।”
बिश्नोई के खिलाफ एनआईए के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उनकी वकील रजनी ने आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा , “जेल में बिश्नोई से कोई फोन बरामद नहीं हुआ है। किसी भी जांच एजेंसी द्वारा कम्यूनिकेशन का कोई तरीका स्थापित नहीं किया गया है।”
लॉरेंस बिश्नोई 2014 से जेल में है
लॉरेंस बिश्नोई 2014 से जेल में है, जब सालासर बालाजी मंदिर के रास्ते में एक पिकेट पर पुलिसकर्मियों के साथ उसकी पहली सशस्त्र मुठभेड़ हुई थी। वह वर्तमान में अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल में बंद है। उसके खिलाफ़ आरोप एनसीआर में शराब व्यवसायी की कथित हत्या से लेकर सिद्धू मूसेवाला पर हमला करने तक हैं।