दिग्गज गायिका लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए संगीतकार मिलिंद ने रविवार को कहा कि उनका और उनके घर का नाम मंगेशकर ने रखा था और उनके परिवार के उनसे निकट संबंध थे। अपने बड़े भाई आनंद के साथ मिलकर आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ का संगीत बनाने वाले मिलिंद ने बताया कि मंगेशकर ने उनके पिता एवं संगीतकार चित्रगुप्त से कहा था कि वह उनके बेटे का नाम रखना चाहती हैं। मिलिंद ने कहा, ‘वह मां सरस्वती का अवतार थीं।

मेरे पिता ने उनके गाए 200 गीतों को संगीत दिया, जिनमें 1965 में ‘आकाशदीप’ फिल्म का गीत ‘दिल का दिया जला के गया’ और 1967 की फिल्म ‘वासना’ का गीत ‘ये पर्बतों के दायरे ये शाम का धुआं’ जैसे गीत शामिल हैं। पिता जी ने 1950 के अंत में काम करना शुरू किया था। वह हमारे घर अक्सर आया करती थीं। हमारा घर का रिश्ता था।’ मिल्ािंद ने कहा कि चित्रगुप्त परिवार के बच्चों ने उन्हें कभी लता दीदी नहीं कहा।

उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए वह हमेशा ‘लता आंटी’ थीं। वह अपनी बहन उषा जी के साथ हमारे घर आती थीं। जब मैं पैदा हुआ, तो उन्होंने मेरे पिता से कहा था कि वह मेरा नाम रखेंगी। उन्होंने मेरा नाम मिलिंद माधव रखा। मैं बहुत भाग्यशाली हूं।’ उन्होंने कहा कि उनका परिवार जब खार से पवई रहने आया था, तब लता ने उनके घर का नाम ‘स्वरगंगा’ रखा था।