बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में में दोषी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद और 15 अन्य के खिलाफ सजा का ऐलान अब शुक्रवार को होगा। सीबीआई ने गुरुवार को पांच दोषियों से जुड़े मामले पर सुनवाई की। एजेंसी के वकील ने अदालत से दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा की दरख्‍वास्‍त की ताकि कोई ऐसा भयंकर अपराध करने का दुस्‍साहस न कर सके। जबकि लालू का नंबर छठा है। टाइम्‍स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, जज शिवपाल सिंह ने अदालत में खुलासा किया कि ”सुनवाई से पहले लालू के लोगों का फोन उनके पास आया था। जिस पर लालू ने उनसे शांत रहने को कहा। लालू ने अपने बेटे और पार्टी के लोगों पर अवमानना का चार्ज खत्‍म करने की अपील भी की। जज ने लालू को उन सभी के बयान याद दिलाए। इसके बाद जज ने चौंकाने वाला दावा कि उनके पास लालू के लोगों के फोन आए थे।” एएनआई के अनुसार, जज ने लालू से कहा कि ”आपके कई रेफरेंसेज आए हैं मगर चिंता मत कीजिए, मैं सिर्फ कानून का पालन करूंगा।”

चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू के अलावा आर के राणा, जगदीश शर्मा एवं तीन पूर्व आईएएस अधिकारियों समेत 16 लोग दोषी पाए गए हैं। सजा के बिंदु पर अदालत में बहस प्रारंभ हो गयी है। सीबीआई की स्थित विशेष अदालत ने 23 दिसंबर को इस मामले में इन्हें दोषी करार देते हुए बिरसा मुंडा जेल भेज दिया था जबकि इसी मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत समेत छह लोगों को भारी राहत दी थी एवं निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया था।

Here’s Live Updates of Lalu Prasad Yadav, Fodder Scam Case Verdict:

विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में गुरुवार सुबह ग्यारह बजे सभी 16 लोगों की सजा के बिन्दु पर बहस प्रारंभ होनी थी, लेकिन अदालत ने कार्यवाही प्रारंभ होने के बाद इसके लिए दोपहर बाद दो बजे का समय तय किया। इसके चलते सुरक्षा कारणों से राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को होतवार स्थित बिरसा मुंडा जेल से दोपहर पौने दो बजे सीबीआई अदालत में पेश किया गया।

लालू के साथ इस मामले के सभी 16 अभियुक्‍तों को अदालत में पेश किया गया है जहां उनकी सजा की बिन्दु पर वकील बहस कर रहे हैं। लेकिन वर्णक्रमानुसार अभियुक्तों की बहस सुनने के फैसले के चलते अभी लालू की सजा के बिन्दु पर बहस प्रारंभ नहीं हो सकी है।

अदालत ने 23 दिसंबर को 22 आरोपियों में से 16 आरोपियों को दोषी करार देने के बाद उन्हें हिरासत में लेकर बिरसामुंडा जेल भेजने के निर्देश दिये थे। इससे पूर्व कल जैसे ही अदालत की कार्यवाही प्रारंभ हुई थी रांची बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अदालत को सूचित किया था कि उनके सहयोगी बिंदेश्वरी प्रसाद का निधन हो गया है लिहाजा दोपहर बाद वकील अदालती कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे। जिसके बाद सुनवाई टाल दी गई थी।

लालू प्रसाद यादव ने जेल जाने से पूर्व कहा था कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है और इस फैसले के खिलाफ वह उच्च न्यायालय जायेंगे जहां उन्हें अवश्य न्याय मिलेगा। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।