आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को वीजा प्रदान करने से जुड़े विवाद में ब्रिटेन ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का नाम घसीटा है। ब्रिटेन में यह मामला संसदीय समिति के समक्ष है।
आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को वीजा प्रदान करने का मामला ब्रिटेन में संसदीय समिति के समक्ष विचाराधीन है और इससे जुड़े विवाद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का नाम घसीटा गया है।
टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट में कोष के कथित गबन के सिलसिले में मोदी के खिलाफ भारत में लुक-आउट नोटिस जारी है। मोदी ने लंदन को अपना ठिकाना बनाया है और वह भारत आने से परहेज कर रहे हैं। भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद कीथ वाज की सिफारिश पर उन्हें वीजा प्रदान किया गया था।
ब्रिटिश मीडिया के अनुसार वाज ने सुषमा का नाम लेकर मोदी को ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज प्रदान करने के लिए ब्रिटेन के शीर्ष आव्रजन अधिकारी पर दबाव डाला था।
सुषमा ने इस संबंध में अपने कदम के बारे में आज कहा कि उन्होंने ‘‘मानवीय दृष्टिकोण’’ अपनाया और ब्रिटिश उच्चायुक्त से कहा था कि उन्हें अपने कानून के अनुसार मोदी के आग्रह का अध्ययन करना चाहिए और ‘‘अगर ब्रिटिश सरकार ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज देना पसंद करती है तो यह हमारे रिश्तों को खराब नहीं करेगा।’’
सुषमा ने घटनाक्रम का जिक्र करते हुए ट्विटर पर कहा, ‘‘2014 जुलाई में किसी समय ललित मोदी ने मुझ से कहा कि उनकी पत्नी कैंसर से पीड़ित है और उनकी सर्जरी 4 अगस्त को पुर्तगाल में होना तय है। उन्होंने मुझसे कहा कि सहमति कागजात पर दस्तखत करने के लिए उन्हें अस्पताल में मौजूद रहना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे सूचित किया कि उन्होंने यात्रा दस्तावेज के लिए लंदन में आवेदन किया था और ब्रिटिश सरकार उन्हें यात्रा दस्तावेज देने पर रजामंद थी। बहरहाल, संप्रग सरकार के इस संदेश से उसके हाथ बंधे हैं कि यह भारत-ब्रिटेन रिश्तों को बिगाड़ देगा।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए ब्रिटिश उच्चायुक्त को सूचित किया कि ‘ब्रिटिश सरकार को ललित मोदी के आग्रह की जांच ब्रिटिश नियम-कायदों के तहत करनी चाहिए। अगर ब्रिटिश सरकार ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज देना पसंद करती है’ तो यह हमारे द्विपक्षीय रिश्तों को नहीं बिगाड़ेगा।’’
सुषमा ने कहा, ‘‘कीथ वाज ने भी मुझसे बात की और मैंने उनसे वही बात कही जो मैंने ब्रिटिश उच्चायुक्त से कही थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ईमानदारी से मानती हूं कि इस तरह के जैसे हालात में किसी भारतीय नागरिक को आपात यात्रा दस्तावेज देना दो देशों के बीच के रिश्तों को बिगाड़ नहीं सकता और उसे बिगाड़ना नहीं चाहिए।’’
सुषमा ने कहा, ‘‘मैं यह भी बताना चाहती हूं कि कुछ ही दिन बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस आधार पर ललित मोदी का पासपोर्ट जब्त करने वाले संप्रग सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया कि यह बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन करता है और इस नाते यह आदेश असंवैधानिक है और उन्होंने अपना पासपोर्ट वापस पा लिया।’’
ब्रिटिश लॉ डिग्री कोर्स के लिए आवेदन में सुषमा के भांजे की मदद करने की वाज की कथित पेशकश पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ससेक्स यूनिवर्सिटी में लॉ कोर्स में ज्योतिर्मय कौशल के दाखिले के संबंध में, उसने 2013 में – मेरे मंत्री बनने से एक साल पहले सामान्य प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से दाखिला पाया।’’
उल्लेखनीय है कि कंजर्वेटिव सांसद एंड्रियू ब्रिजेन ने ब्रिटिश संसदीय मानक आयुक्त कैथरीन हडसन को पत्र लिख कर उनसे यह जांच करने का आग्रह किया है कि क्या वाज ने सांसद आचार संहिता का कोई उल्लंघन किया था।
वाज ने इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट के लंदन आधारित पूर्व आयुक्त मोदी के मामले के निबटारे की प्रक्रिया तेज करने के प्रयास के तहत कथित रूप से ब्रिटिश वीजा एवं आव्रजन महानिदेशक साराह रैपसन को निजी तौर पर लिखा था।
लेबर सांसद तब हाउस ऑफ कॉमन्स की गृह मामलों की प्रवर समिति के अध्यक्ष थे। इस भूमिका में वह रैपसन और उनके विभाग के काम की समीक्षा करते थे।
ललित मोदी 2010 में तब लंदन आए जब आईपीएल क्रिकेट टूर्नामेंट से संबंधित मैच फिक्सिंग और अवैध सट्टेबाजी के आरोप उभरे।
सरकार ने 2011 मार्च में उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया था, लेकिन पिछले साल अगस्त में दिल्ली उच्च न्यायालय ने उसे बहाल कर दिया। मोदी ने किसी गड़बड़ी से इनकार किया है और कहा है कि हत्या की धमकियों की वजह से वह भारत छोड़ कर ब्रिटेन गए।
पिछले साल गर्मियों में ब्रिटिश गृह मंत्रालय के साथ लंबी कानूनी जंग के बाद जब उन्हें ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज मिले तो मोदी ने वाज को ‘‘सुपरस्टार’’ बताया था।