Vanuatu Citizenship Process: भारत के आर्थिक अपराधी और भगोड़े ललित मोदी ने वानुआतु की नागरिकता मिलने के चलते भारत सरकार से अपना पासपोर्ट वापस लेने की अर्जी दी थी। उसने वानुआतु की नागरिकता हासिल कर ली थी लेकिन अब वह नागरिकता रद्द कर दी गई है। इस मामले में वानुआतु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने कहा कि नागरिकता के लिए किए गए ललित मोदी के आवेदन को लेकर उनके पास कोई वैध कारण नहीं है।

वानुआतु के प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे पिछले 24 घंटों में यह पता चला कि इंटरपोल ने दो बार ललित मोदी पर अलर्ट जारी करने के भारतीय अधिकारियों के अनुरोधों को ठोस न्यायिक साक्ष्य की कमी के कारण खारिज कर दिया। वानुआतु के पीएम नापत ने कहा कि लोगों को वानूआतू का पासपोर्ट वैध कारणों से लेना चाहिए, न कि प्रत्यर्पण से बचने के लिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के नोटिसों के चलते वैसे भी नागरिकता की अर्जी खारिज कर दी जाती है।

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ललित मोदी ने दी थी अर्जी

बता दें कि पिछले हफ्ते ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना भारतीय पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने वानुअतु की नागरिकता हासिल कर ली है। अगर नागरिकता मिल जाती, तो भारत को ललित मोदी के प्रत्यर्पण की व्यवस्था करनी पड़ती। इससे पहले वानुआतु ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी के नागरिकता आवेदन को भी खारिज कर दिया था। वानुआतु का नागरिकता कार्यक्रम क्या है, और इसने पासपोर्ट किसे मिलेगा, इस पर जांच क्यों कड़ी कर दी है? हम बताते हैं।

नीरव मोदी के साथ क्या हुआ था?

वानुअतु अपने निवेश द्वारा नागरिकता (सीबीआई) कार्यक्रम के माध्यम से नागरिकता प्रदान करता है, जिसके लिए गैर-वापसी योग्य दान या निवेश की आवश्यकता होती है। कैपिटल इन्वेस्टमेंट इमिग्रेशन प्लान (CIIP) के अनुसार, एकल आवेदकों के लिए आवश्यक राशि $1,55,000 (लगभग 1.3 करोड़ रुपये) है, जो इसे नागरिकता प्राप्त करने के लिए सबसे किफायती विकल्पों में से एक बनाता है।

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गौरतलब है कि पंजाब नेशनल बैंक में 13,600 करोड़ रुपये के बैंकिंग धोखाधड़ी का मामला सार्वजनिक होने से लगभग तीन महीने पहले नीरव मोदी ने वानुआतु की नागरिकता हासिल करने की कोशिश की थी।

नीरव मोदी रिजेक्ट हो गई थी याचिका

इंडियन एक्सप्रेस ने 2018 में बताया था कि नीरव मोदी ने नवंबर 2017 में अपने व्यक्तिगत खाते से 195,000 डॉलर वानुआतु सरकार के 18 अधिकृत एजेंटों में से एक को ट्रांसफऱ किए थे। वानुआतु की लॉ फर्म इंडिजीन लॉयर्स के जस्टिन न्ग्वेले ने कहा था कि 195,000 डॉलर का मकसद वानुअतु नागरिकता के लिए आवेदन शुल्क का भुगतान करना था। हालांकि, सरकार की वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) की ईमानदारी जांच में नीरव मोदी के खिलाफ निगेटिव नतीजा निकला था। इसलिए सरकार ने उनके आवेदन पर विचार नहीं किया।

वानुआतु ने किया है नागरिकता प्रक्रिया को ज्यादा मजबूत

सोमवार को प्रधानमंत्री नापत द्वारा दिए गए बयान में कहा गया कि वानुअतु सरकार ने पिछले चार साल में निवेश कार्यक्रम द्वारा नागरिकता के उचित पहलुओं को काफी मजबूत किया है, जिसका नतीजा ये है कि वानुआतु वित्तीय खुफिया यूनिट द्वारा की गई गहन जांच में विफल होने वाले आवेदनों में बढ़ोतरी हुई है। कई वर्षों पहले लागू की गई बेहतर प्रक्रिया में इंटरपोल सत्यापन सहित ट्रिपल-एजेंसी जांच शामिल है।

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