Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा से जुड़े मामले में जमानत दे दी। इस हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। कोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर करने के बाद उन्हें दिल्ली या लखनऊ में रहने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने अधीनस्थ अदालत को मामले की सुनवाई में तेजी लाने और समयसीमा तय करने को कहा है।
पिछले साल 25 मई को सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा की घटना में आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत दी थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने मामले में किसानों को भी जमानत दे दी और ट्रायल कोर्ट को सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अंतरिम आदेश को पूर्ण बनाया गया है। हमें जानकारी दी गई है कि 117 गवाहों में से 7 की अब तक जांच की जा चुकी है। हमारे विचार में मामले में तेजी लाने की जरूरत है। हम ट्रायल कोर्ट को आदेश देते हैं कि लंबित मामलों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता तय करे।
आशीष मिश्रा के वकील ने क्या तर्क दिया
आशीष मिश्रा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने तर्क दिया कि आशीष के पिता अजय मिश्रा अब सांसद या मंत्री नहीं हैं क्योंकि वे चुनाव हार गए हैं। इसलिए, यह तर्क कि आशीष मिश्रा मामले को प्रभावित कर सकते हैं। यह बिल्कुल गलत है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके पिता के मंत्री न होते हुए भी आप प्रभावशाली हो सकते हैं।
लखीमपुर खीरी हिंसा
लखीमपुर खीरी में हिंसा तब भड़की जब किसानों ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध किया। इस घटना में आठ लोगों की जान चली गई थी। इसमें चार किसान भी शामिल थे। इसके जवाब में एक ड्राइवर और दो भारतीय जनता पार्टी (BJP) कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने पीट-पीटकर मार डाला। इस हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई। इसके बाद इलाके में काफी तनाव फैल गया। हिंसा भड़कने के 6 दिन बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया।