लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, “हमें लखीमपुर खीरी में हुई हत्या के बारे में बोलने की अनुमति मिलनी चाहिए। जिस घटना में मंत्री की संलिप्तता थी और जिसके बारे में कहा गया है कि यह हादसा नहीं बल्कि एक साजिश थी। किसानों की हत्या करने वाले मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए।”

लखनऊ में सड़कों पर उतरे कांग्रेसी: उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की अगुवाई में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जीपीओ गांधी प्रतिमा से लेकर विधानसभा तक मार्च निकाला। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जब तक अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त नहीं किया जाएगा। इस मुद्दे को बाहर भी(सड़क पर) उठाएंगे और विधानसभा में भी उठाएंगे। इस लड़ाई को मज़बूती से अंजाम तक पहुंचाएंगे।

खड़गे ने मांगा इस्तीफा: इसके अलावा कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अजय मिश्रा द्वारा एक पत्रकार से बदसलूकी करने को लेकर कहा कि अजय कुमार टेनी को जवाब नहीं देना था तो वह चुप रह सकते थे लेकिन एक मंत्री का किसी को डराना-धमकाना शोभा नहीं देता। SIT की रिपोर्ट आने के बाद उन्हें खुद इस्तीफा देना चहिए था उसके लिए हमारा प्रदर्शन करना, मामले को सदन में उठाना ऐसा नहीं होना चाहिए था।

पत्रकार पर निकाला था गुस्सा: दरअसल बुधवार को खीरी में एक ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने के बाद एक पत्रकार ने जब अजय मिश्रा से उनके बेटे आशीष मिश्रा और एसआईटी रिपोर्ट पर सवाल किया तो वो भड़क गये। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बेवकूफी के सवाल मत करो, दिमाग खराब है क्या बे? वहीं लोगों ने उनको समझाने की कोशिश की तो वह पास में एक खड़े एक और पत्रकार का मोबाइल पकड़कर गुस्से में बोले, बंद करो इसे।

SIT की रिपोर्ट: गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में किसानों संग हुई हिंसा मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह हादसा नहीं है, बल्कि किसानों पर गाड़ी इरादतन चढ़ाई गई थी। इस रिपोर्ट के बाद से ही विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है और केंद्रीय मंत्री मिश्रा के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।