बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एलएसी विवाद को लेकर फिर से मोदी सरकार पर करारा हमला बोला है। इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर को शेयर करके सांसद ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की जनता से झूठ बोला। सरकार कह रही है कि चीन से विवाद सुलझ गया है पर असलियत कुछ और ही है।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के हवाले से स्वामी ने बताया कि चीनी सेना अभी तक भारत की धरती पर मौजूद है। लेकिन सरकार लगातार इससे इनकार कर रही है। मोदी सरकार देश को गुमराह कर रही है। इससे पहले स्वामी पीएम मोदी पर सीधा निशाना भी साध चुके हैं। स्वामी ने मोदी को उस बयान पर सवाल उठाए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोई आया नहीं, कोई गया नहीं। स्वामी का सवाल था कि जब कोई आया गया नहीं तो बातचीत क्यों?

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक 9 अप्रैल को चीन व भारत के सैन्य कमांडरों के बीच 11वें दौर की वार्ता हुई थी। पूर्वी लद्दाख में 11 माह से चल रहे गतिरोध को सुलझाने के लिए यह बातचीत हुई। अखबार ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि चीन ने चार फ्रिक्शन प्वाइंट खाली करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है।

सूत्र का कहना है कि चीन ने भारत से कहा है कि पेंगोग इलाके के डिसइंगेजमेंट में जो कुछ हासिल हुआ उससे उसे खुश होना चाहिए। अखबार की रिपोर्ट कहती है कि हॉट स्प्रिंग के पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और गोगरा पोस्ट के निकट स्थित 17ए पर चीन ने अभी भी अपनी एक प्लाटून तैनात कर रखी है। सेना के वाहन भी वहां मौजूद हैं।

मई 2020 में चीन ने तिब्बत में सैन्य अभ्यास कर रहे अपने सैन्य दस्ते को पूर्वी लद्दाख में एलएसी की तरफ भेज दिया था। पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और 17ए ही वह जगह हैं, जहां भारत और चीन के सैनिक एक दूसरे के सामने खड़े हुए थे। गलवान घाटी की पीपी 14 और उत्तरी पेंगोग इलाके में भी गतिरोध पैदा हुआ था। तकरीबन सभी प्वाइंट्स पर चीनी सेना ने एलएसी को पार किया।

सबसे ज्यादा हलचल पेंगोंग इलाके के उत्तरी किनारे पर देखी गई थी। वहां चीनी सेना फिंगर 4 पर मौजूद दिखी। यह इलाका फिंगर 8 से 8 किमी पश्चिम में स्थित है। भारत का दावा है कि वास्तविक एलएसी यहीं पर है। चीनी स्टडी ग्रुप की तरफ से भारत को कुछ प्वाइंट्स पर पेट्रोलिंग का अधिकार दिया गया था। इनको पेट्रोलिंग प्वाइंट्स के नाम से जाना जाता है। स्टडी ग्रुप की स्थापना 1976 में हुई थी। तब इंदिरा गांधी देश की पीएम थीं।