देश के सुविख्यात कवि डॉक्टर कुमार विश्वास ने हैदराबाद गैंगरेप मर्डर केस पर कविता के जरिए अपने विचार रखें। उन्होंने इस कविता के जरिए कहा कि कोई भी इंसान ‘मर्द’ होने से पहले इंसान और असली पुरुष है। उन्होंने कविता में लिखा ‘विधाता से छीन कर अपना सारा पुरुषार्थ लगा दूंगा तुम्हें भरोसा दिलाने में कि ‘मर्द’ होने से पहले ‘इंसान होता है असली पुरुष।’

इस मामले में चार आरोपियों ने 27 वर्षीय महिला डॉक्‍टर के साथ पहले रेप किया और इसके बाद हत्‍या कर दी। आरोपियों ने डॉक्‍टर की लाश को जलाकर एक फ्लाईओवर के नीचे फेंक दिया था। देशभर में हैदराबाद की बेटी के लिए इंसाफ की मांग की जा रही है।

कुमार विश्वास की यह कविता अमर उजाला काव्य में छपी है उन्हें इसे रिट्वीट किया। जिसपर यूजर्स ने भी प्रतक्रियाएं दीं। कविता की इन पंक्तियों पर ट्विटर यूजर ने उनसे जमकर सवाल जवाब किए और अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दीं। एक यूजर ने कहा कि ‘जिसमें मर्यादा नहीं वह कैसा मर्द, बोलो कब होगा इंसाफ?’

एक यूजर कहते हैं ‘मुझे फक्र है कि मेरी इकलौती संतान एक#बेटी है और मैं आश्वस्त हूँ कि वो किसी के जीवन में हैवानियत या वहशीपन का माध्यम नहीं बनेगी। हैवानियत के नंगे नाच से बेटे को जन्म देने की सोच पर, प्रश्नचिह्न खड़े होते नजर आ रहे हैं।’

एक अन्य यूजर ने कहा ‘हम बेटी तो बचा लेंगे हम बेटी को पढ़ा लेंगे पर इन शैतानों से हम बेटी को कहा छुपाएंगे। हर गली-मोहल्ले में ये दरिंदे बैठे है। अपनी नज़र गड़ाऐ नाजाने कहा से आएंगे और बेटी को नोच खायेंगे ये।’

एक ट्विटर यूजर ने कहा ‘इंसाफ कब होगा….बोलो।’ एक यूजर ने कहा ‘दुखद खबर। इंसानियत अब नही रही।’ एक अन्य यूजर ने कहा ‘कविराज! ये इन्सान नही शैतान हैं। और मर्द नही नामर्द है।’