Kuki Zo vs Meitei Conflict: कुकी जो काउंसिल (Kuki-Zo Council) ने गुरुवार शाम को घोषणा की है कि उसने मणिपुर के कुकी-जो इलाकों में लगाए गए बंद को हटा लिया है। यह बंद 8 मार्च को लगाया गया था। हालांकि काउंसिल ने यह भी साफ किया है कि वह केंद्र सरकार की फ्री मूवमेंट योजना (free movement plan) का विरोध जारी रखेगी।

काउंसिल की ओर से 8 मार्च को कांगपोकपी जिले में कुकी-जो प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई तीखी झड़प और हिंसा के बाद बंद का ऐलान किया गया था। इस हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। घायलों में सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे।

क्या हुआ था उस दिन?

कुकी-जो प्रदर्शनकारी एक बस को रोकने की कोशिश कर रहे थे, जो कुकी-जो बहुल जिले से होकर जा रही थी, उस दौरान हिंसा भड़क गई थी। उसी दिन केंद्र सरकार ने पहली बार फ्री मूवमेंट योजना लागू करने की कोशिश की थी।

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कुकी-जो काउंसिल ने क्या कहा?

कुकी-जो काउंसिल की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘हम 13 मार्च, 2025 को शाम 7:30 बजे से अनिश्चितकालीन बंद को आधिकारिक रूप से समाप्त करने की घोषणा करते हैं। यह निर्णय काफी विचार-विमर्श के बाद लिया गया है। हालांकि, यह स्पष्ट करना जरूरी है कि भले ही बंद को समाप्त कर दिया गया हो लेकिन गृह मंत्रालय की ओर से घोषित की गई फ्री मूवमेंट योजना का कुकी-जो समुदाय की ओर से विरोध जारी रहेगा। जब तक कुकी-जो समुदाय को न्याय नहीं मिलता, तब तक इस तरह की अप्रतिबंधित मुक्त आवाजाही का हम पुरजोर विरोध करेंगे।’

गृह मंत्री अमित शाह ने 2 मार्च को हुई सुरक्षा समीक्षा बैठक में सुरक्षाबलों को निर्देश दिया था कि मणिपुर में स्वतंत्र आवाजाही को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसका सीधा मतलब यह था कि मैतेई समुदाय के लोग पहाड़ी क्षेत्रों से गुजर सकें और कुकी-जो समुदाय के लोग इंफाल घाटी आ सकें। लेकिन मणिपुर में दोनों समुदायों के बीच संघर्ष की शुरुआत होने के बाद से दोनों समुदायों के लोगों के लिए ऐसा करना सुरक्षित नहीं था।

8 मार्च को राजधानी इंफाल से राज्य सरकार की दो बसों को अर्धसैनिक बलों के जवानों के साथ रवाना किया गया था। इनमें से एक बस जब कांगपोकपी पहुंची तो वहां हिंसा भड़क गई।

रास्ते में फंस गए थे ट्रक

कुकी-जो काउंसिल के द्वारा बुलाए गए बंद के कारण इंफाल के लिए जरूरी सामान लेकर जा रहे 450 से अधिक ट्रक सेनापति जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर फंस गए थे। इन ट्रक को कांगपोकपी के रास्ते से होकर इंफाल वेस्ट जिले तक जाना था। सेनापति जिले के एसपी धर्मेंद्र त्यागी ने बताया कि बंद के हटाए जाने के बाद 30-30 ट्रकों के जत्थे में उन्हें इंफाल की ओर रवाना किया जाएगा।

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मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा

मणिपुर में मई, 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा शुरू हुई थी और राज्य और केंद्र सरकार की पूरी कोशिश के बाद भी वहां हिंसा थम नहीं रही है। इस हिंसा में अब तक हजारों लोग बेघर हो चुके हैं, सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और संपत्ति का भी अच्छा-खासा नुकसान हो चुका है। हालात के लगातार खराब होने के बाद केंद्र सरकार ने पिछले महीने यहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।