कोलकाता रेप मामले में हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। बंगाल पुलिस की तफ्तीश से संतुष्ट ना होकर अदालत ने यह फैसला सुनाया है। उस एक फैसले के बाद ऐसा कहा गया कि डॉक्टर्स अपनी हड़ताल वापस ले लेंगे, अस्पतालों में स्थिति सामान्य हो जाएगी। लेकिन मरीजों को अभी और ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। असल में AIIMS के डॉक्टर्स ने हड़ताल खत्म करने से मना कर दिया है। FAIMA भी स्ट्राइक को पूरा समर्थन दे रहा है, ऐसे में जमीन पर स्थिति कुछ खास बदली नहीं है।

कोलकाता रेप: आंदोलन में नहीं रहा एकमत?

असल में एम्स के डॉक्टर चाहते हैं कि केंद्र सरकार स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमलों के खिलाफ एक सख्त कानून लेकर आए। उन डॉक्टरों का तर्क है कि अभी तक स्वास्थ्य कर्मियों को कोई भी सुरक्षा कवच नहीं दिया गया है, कोई भी उन पर हमला कर देता है, ऐसे में उन्हें एक सख्त कानून की जरूरत है जो उनके अधिकारों की रक्षा कर सके। FAIMA ने भी एम्स के डॉक्टरों की इन मांगों को अपना समर्थन दे दिया है। लेकिन बड़ी बात यह है कि इस आंदोलन में भी अब कुछ मतभेद आने लगे हैं।

कोलकाता रेप मामले में भड़का HC

FORDA ने वापस क्यों ली स्ट्राइक?

असल में सोमवार तक तो ज्यादातर राज्यों में सभी डॉक्टर्स हड़ताल पर थे, उनकी तरफ से ओपीडी सर्विसों को सस्पेंड रखा गया था। लेकिन इस बीच खबर है कि FORDA ने उस हड़ताल से अपना समर्थन वापस ले लिया है। असल में FORDA के सदस्यों ने भी जेपी नड्डा से मुलाकात की थी, जब उनकी सभी मांगों को स्वीकार कर लिया गया, सदस्यों ने वापस ड्यूटी पर लौटने का फैसला किया।

9 अगस्त को हुआ क्या था?

इस घटना की बात करें तो 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया था। बड़ी बात यह रही कि पीड़िता को आरोपी ने काफी टॉर्चर किया, उसकी आंखों पर, प्राइवेट पार्ट्स, गर्दन पर चोट के कई निशान देखे गए। अभी के लिए आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन विरोध कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि एक से ज्यादा आरोपी हो सकते हैं।