सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की वयोवृद्ध नन के साथ सामूहिक बलात्कार मामले का शुक्रवार को स्वत: ही संज्ञान लेने से गुरेज किया। लेकिन इस मामले की सुनवाई के लिए एक महिला वकील को याचिका दायर करने की छूट प्रदान कर दी। प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष वकील लिली थॉमस ने मौखिक रूप से इस मामले का जिक्र करते हुए शीर्ष अदालत से स्वत: ही इसका संज्ञान लेने का अनुरोध किया। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा-आप याचिका दायर कीजिए और हम इसे देखेंगे।

अदालत ने कहा कि याचिका दायर होने के बाद ही इस मामले को विचार के लिए लिया जाएगा। थॉमस ने कहा कि शीर्ष अदालत की इच्छा के अनुरूप वह याचिका दायर करेंगीं। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के एक कान्वेन्ट में 14 मार्च को तड़के एक वयोवृद्ध नन से सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी। इस मामले में छह दिन बीत जाने के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। हालांकि इस घटना के सिलसिले मे 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस घटना में न्याय की मांग के जोर पकड़ने पर पश्चिम बंगाल सरकार ने 18 मार्च को इस मामले को सीबीआइ को सौंपने का फैसला किया था।

इस बीच एजंसी के मुताबिक रानाघाट में 71 वर्षीय नन को शुक्रवार तड़के अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और वह अज्ञात स्थान के लिए रवाना हो गईं। घटना को छह दिन गुजर चुके हैं और अब तक इस सिलसिले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। रानाघाट के अनुमंडलीय अस्पताल के अधीक्षक एएन मंडल ने बताया कि नन को कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ले जाया गया, जहां से वह किसी अज्ञात स्थान के लिए रवाना हो गईं। हवाई अड्डा यहां से 64 किलोमीटर के फासले पर है।

उन्हें तड़के 2.20 बजे अस्पताल से छुट्टी दी गई और 25 मिनट बाद ही वह कान्वेंट के अधिकारियों के साथ अपना सामान लेकर वहां से रवाना हो गईं। अस्पताल के एक डाक्टर तापस मलिक और कान्वेन्ट के अधिकारी हवाई अड्डे तक बुजुर्ग नन के साथ थे। उन्हें अगले दस दिन की दवा दी गई है। मंडल ने बताया कि नन से कहा गया है कि वह जहां भी हों, दस दिन के बाद किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ और मनोरोग विशेषज्ञ की सलाह लें।

मंडल ने बताया कि नन के उपचार के लिए अस्पताल द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड ने गुरुवार को उनकी जांच की और पाया कि वह शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह ठीक हैं। इस संबंध में बात करने के लिए कान्वेंट के अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पाया। इस बीच गंगनापुर के कान्वेन्ट आफ जीसस एंड मेरी स्कूल, जहां यह नन सिस्टर सुपीरियर थीं, में कामकाज सामान्य ढंग से चल रहा है।

इस मामले में पुलिस ने शुक्रवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया। उत्तर दिनाजपुर के पुलिस अधीक्षक एस डब्लू रजा ने कहा कि दोनों के नाम मुकुल आलम (28) और मोहम्मद माजिद (29) है। कान्वेन्ट आफ जीजस एंड मैरी स्कूल के सीसीटीवी में जिन लोगों की तस्वीर कैद हुई है उससे इन दोनों के चेहरे काफी मेल खाते हैं। दोनों में एक व्यक्ति का चेहरा तो 75 फीसद मेल खाता है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि दोनों बांग्लादेश के ठाकुरगंज जिले के रहने वाले हैं। पुलिस ने दोनों को रायगंज पुलिस थानाक्षेत्र के भटोल गांव से पकड़ा है।

उन्होंने बताया कि सीआइडी अधिकारी दोनों से पूछताछ कर रहे हैं। इसके साथ ही इस घटना में आज तक 17 व्यक्तियों को हिरासत में लिया जा चुका है। पश्चिम बंगाल सरकार ने 18 मार्च को यह मामला सीबीआइ के हवाले करने का फैसला किया क्योंकि आरोपियों के फरार होने के चलते पीड़िता के लिए न्याय की मांग तेज होती जा रही थी। वैसे जांच एजंसी ने औपचारिक रूप से मामला अपने हाथ में अभी नहीं लिया है।