मुस्लिम मौलवियों एक स्थानीय कमिटी जलिस-ए-शूरा-उलामा-ए-शहर ने शहर में आदेश जारी किया कि मुस्लिम समुदाय महिलाओं को कोल्हापुर नगर निगम (केएमसी) चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित नहीं करेगा। यह फरमान उन्होंने पिछले सप्ताह जारी किया जिसमें महिलाओं को चुनाव से दूर रहने को कहा गया है। मौलवियों के मुताबिक, मुस्लिम महिलाओं का चुनाव लड़ना उनके धर्म के खिलाफ है।
वहीं दूसरी ओर इमामों के एक शीर्ष स्थानीय निकाय हिलाल कमिटी ने इस आदेश को संविधान के खिलाफ बताते हुए इसकी निंदा की है। हिलाल कमिटी ने कहा, “यह आदेश यह आदेश भारत के संविधान के खिलाफ है। ऐसे में इसका पालन नहीं किया जा सकता।”
जलिस-ए-शूरा-उलामा-ए-शहर द्वारा 23 सितंबर को जारी आदेश में लिखा गया कि शरिया और दो दूसरे कानून इस्लाम में पाक हैं और महिलाओं को चुनाव में हिस्सा लेने से बचना चाहिए। हालांकि अभी तक 20 मुस्लिम महिलाएं इस चुनाव में हिस्सा ले रही हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने भी इस आदेश की निंदा की है। एनसीपी नेता फराज ने कहा, “यह एक हास्यास्पद और निंदनीय बयान है। मुझे हैरानी होती है कि जब महिलाएं चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं, तब यह लोग कहां थे। जो संविधान-विरोधी बात कर रहे हैं, हम उनका साथ नहीं देंगे। उन्हें पता होना चाहिए कि महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय की 200 से ज्यादा महिला पार्षद हैं।”

