कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु की स्थापना को लगभग पांच शताब्दियां बीत चुकी हैं। केम्पे गौड़ा ने इस किलाबंद शहर की स्थापना की थी, जो आज भारत के महान शहरों में से एक बन गया है। इस आर्टिकल में हम आपको बेंगलुरु के बनने से लेकर इस शहर से जुड़ी रोचक जानकारी देंगे। दरअसल  बेंगलुरु शहर बनने से पहले यह ग्रामीण इलाकों में बंटी छोटी-छोटी किलेबंद बस्तियां हुआ करती थीं, जहां कई लड़ाइयां लड़ी गई।  

‘बेंगलुरु’ नाम कहां से आया : क्या है नागत्तारा की कहानी 

येलहंका से लेकर हेब्बल और बेगुर तक ऐसी बस्तियां थीं जिसके लिए स्थानीय सरदारों ने लड़ाई लड़ी और मारे गए। इन कई सरदारों में से एक नागत्तारा भी था, जो (आज के बंगलौर में बेगुर)  क्षेत्र का योद्धा और स्थानीय सरदार था। वह गंगा शासक एरेप्पा का अनुयायी भी था। 

नागत्तारा को लेकर मौजूद प्रमाणों में से एक लगभग छह फुट ऊंचा ‘हीरो स्टोन’ (किसी नायक\योद्धा की याद में बनाए जाने वाला स्मारक) है। यह हीरो स्टोन उस युद्ध की याद दिलाता है जिसमें वह 10वीं शताब्दी की शुरुआत में मारा गया था। यह युद्ध एक अन्य स्थानीय ताकतवर नोलम्बास के खिलाफ लड़ा गया था, जो नंदी हिल्स के आसपास के क्षेत्र पर शासन करता था। इससे जुड़े प्रमाण बेंगलुरु के सरकारी संग्रहालय में रखा गया है।

इतिहासकार अनिरुद्ध कनीसेट्टी बताते हैं कि 9वीं से 10वीं शताब्दी तक बेगुर सबसे शक्तिशाली शहरों में से एक था। बेगुर मंदिर के आस-पास, बड़ी संख्या में हीरो स्टोन बनाए गए थे। हालांकि युद्ध में नागत्तारा  (Nagattara) की मृत्यु की पहचान करने करने वाला ‘स्टोन’ कुछ मायनों में अलग है। 

कनीसेट्टी कहते हैं, “यह अधिकांश हीरो स्टोन की तुलना में बहुत बड़े संघर्ष की पुष्टि करता है। यह कहता है कि नागत्तारा (Nagattara) को गंगा राजा ने बुलाया था और नोलम्बा राजा के साथ युद्ध करने के लिए भेजा था। 

कनीसेट्टी ने बताया कि स्थानीय शासक के रूप में नागत्तारा का महत्व उस नक्काशी से भी पता चलता है जिसमें उन्हें घुड़सवार सेना के एक समूह का नेतृत्व करते हुए दिखाया गया है। युद्ध के बाद गंग शासक ने नागत्तारा को कई गांव इनाम में दे दिए थे। 

कनीसेट्टी कहते हैं, “मध्ययुगीन दक्षिण कर्नाटक में बड़े हीरो स्टोन की ओर रुझान रहा है। उत्तर कर्नाटक में आप बहुत ही बारीक विवरण वाले पत्थर देखते हैं जो ज़रूरी नहीं कि उतने बड़े हों। लेकिन आकार और दर्शाए गए विवरणों के संदर्भ में, बेगुर हीरो स्टोन काफी उल्लेखनीय है।”

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दिलचस्प बात यह है कि कनीसेट्टी ने कहा कि यह निश्चित नहीं है कि अलग-अलग नक्काशी में दिखाया गया शख्स ‘नागत्तारा’ एक ही है। यह एक उपाधि या किसी विशेष परिवार का नाम हो भी सकता है। लेकिन यह भी निश्चित है कि बेगुर मंदिर में एक पत्थर के शिलालेख में नागत्तारा के पुत्र बुतनागपति की युद्ध में मृत्यु का उल्लेख है, जिसमें “बेंगलुरु” शब्द का पहला लिखित उल्लेख मिलता है। हालांकि यह बाद में  केम्पे गौड़ा द्वारा बनाए गए शहर जितना प्रभावी शहर नहीं रहा होगा, लेकिन इसका नाम बाद तक बाकि रहा होगा।