Know Your City: उत्तर प्रदेश में 70 और 80 के दशक में एक बड़े नेता हुए, नाम था कल्पनाथ राय। जो घोषी लोकसभा से चार बार सांसद रहे। उन्होंने मऊ जिले को बनाने के लिए खूब संघर्ष किया। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और 19 नवंबर 1988 को प्रदेश सरकार ने मऊ को आजमगढ़ से अलग करते हुए जिले के रूप में मान्यता दे दी। इस शहर का इतिहास 1988 के बाद शुरू नहीं होता बल्कि प्रभु राम यानी त्रेतायुग में ही इस स्थान की बड़ी महत्ता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान राम के पुत्र लव और कुश का जन्म मऊ जिले में ही हुआ था।

मुगल वंश के बादशाह शाहजहां ने अपने शासन काल के दौरान यहां का राज्य अपनी बेटी जहांआरा को दे दिया। जहांआरा ने अपने देखरेख में यहां पर अपना आवास एवं शाही मस्जिद का निर्माण करवाया। उसकी सुरक्षा के लिए फौजी छावनी भी बनाई गई। जिसके अवशेष आज भी विद्यमान हैं।

जहांआरा ने रखी थी शहर की नींव

आज के मऊ जिले की नींव जहांआरा ने रखा था। जहांआरा बेगम जब यहां निर्माण कार्य करा रही थी तो उसके साथ मजदूरों के अतिरिक्त जो लोग यहां आये उनमें अधिकांश दस्तकार थे। उनमें मुख्य वर्ग कपड़ा बनाने वालों का था जो यहां बाद में स्थायी रूप से आबाद हो गये। यहां आये अधिकांश दस्तकार ईरानी, अफगानी अथवा तुर्की मूल के थे।

भगवान राम के बेटे कुश ने बसाया था ‘सुलतानपुर’, यहां बुद्ध ने शिष्यों को दी थी शिक्षा

बताया जाता है जहांआरा ने मऊ जिले का नाम भी बदलकर जहानाबाद कर दिया था। लेकिन इस इलाके की लोकप्रियता नहीं होने के बाद अंतोगत्वा इसका नाम फिर से मऊ हो गया। हालांकि मऊ का पूरा नाम मऊ नाथ भंजन है। यहां कभी मऊ नट का शासन हुआ करता था। इस इलाके के कब्जे को लेकर मऊ नट और मलिक बंधुओं के बीज भीषण युद्ध हुआ। इस युद्ध में मऊ नट मारा गया। जिसके बाद से इस क्षेत्र को मऊ नट भंजन कहा गया जिसे बाद में मऊनाथ भंजन कहा जाने लगा।

माता सीता ने यहीं किया था अखण्ड पतिव्रत धर्म का पालन

त्रेतायुग के दौरान महर्षि वाल्मीकि का आश्रम घने जंगलों में था। ऐसा बताया जाता है कि जब प्रभु श्री राम ने माता सीता को पुन: जंगल में छोड़ दिया गया तो वो वह वाल्मीकि आश्रम में रहकर ही अपना जीवन व्यतीत कर रही थीं। यहां रहकर माता सीता ने भी अपने अखण्ड पतिव्रत धर्म का पालन करते हुए यहीं पर अपने पुत्रों लव-कुश को जन्म दिया था। यह स्थान साहित्य साधना के आदि पुरुष महर्षि वाल्मीकि एवं सम्पूर्ण भारतीयता के प्रतीक भगवान राम तथा माता सीता से जुड़ा हुआ है।