गणतंत्र दिवस पर देश को कथित आतंकी हमले से दहलाने की साजिश दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दी। गुरुवार (24 जनवरी, 2019) को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया, “आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का कथित सदस्य अब्दुल लतीफ गनी उर्फ उमैर उर्फ दिलावर पकड़ा गया है। आरोप है कि 26 जनवरी को वह राष्ट्रीय राजधानी में आतंकी हमले को अंजाम देने की साजिश में जुटा था।”
गुप्त संदेश में क्या कहा गया?: 20 जनवरी को गनी समेत दो जैश के कथित आतंकी दबोचे गए। पर कैसे? दरअसल, सुरक्षा एजेंसियों को एक गुप्त मैसेज की भनक लगी थी, जिसमें आतंकियों की तरफ से कहा गया था, “कुछ बड़ा होना चाहिए, हिंदुस्तान को रोना चाहिए।” एजेंसियां इस मैसेज के बाद हरकत में आईं, जिसके बाद उन्होंने आतंकियों के नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया।
मदरसे में मिला था कट्टरपंथियों सेः टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मूलरूप से घाटी के रहने वाला गनी हो सकता है कि भारतीय सेना का हिस्सा बन जाता, लेकिन उसने सोपोर के जामिया अरबिया दारुल उलूम मदरसे में मुफ्ती बनने की ट्रेनिंग के दौरान अपना ट्रैक बदल लिया। वह वहां लगभग चार साल रहा था।
जिहाद के बहाने आतंक का रास्ता चुनवायाः रास्ते डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने अंग्रेजी अखबार से कहा कि मदरसे में ही गनी की मुलाकात कट्टरपंथी तत्वों से हुई थी, जिन्होंने उसे जिहाद के नाम पर आतंक के रास्ते पर जाने के लिए उकसाया। बकौल डीसीपी, “गनी सोशल मीडिया पर उन तत्वों से संपर्क में रहता था। उनके पोस्ट्स से प्रेरित भी होता। जैश का हैंडलर अबू मौज उसे जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर के विभिन्न ऑडियो और वीडियो क्लिप भेजकर उसे बरगलाता था।”
पत्थरबाजी में भी रहा है सक्रियः 2016 में गनी दो बार गिरफ्तार किया गया था, जिससे पहले गंदरबाल में हिंसा के दौरान उसकी शिनाख्त पत्थरबाज के रूप में की गई थी। आधिकारिक तौर पर जैश में उसे एक साल पहले लाया गया और तब उसे जिले का कमांडर बनाया गया था। उसी दौरान उसकी शादी भी हुई। गनी की तीन महीने की बेटी भी है।
धमाकों के लिए बनाए थे स्टैंपः महाराष्ट्र के नांदेड़ में किसी मो.पाशा ने भी उससे फोन पर संपर्क साधा था। पाशा उसके बाद दिल्ली आया, जहां उसने जैश कमांडरों के नाम के तीन स्टैंप तैयार किए और उन्हें तीन जनवरी को गनी को सौंपा। इन स्टैंप्स को सीरियल ब्लास्ट के लिए इस्तेमाल किया जाना था। वह जैश के कुछ पैम्फ्लैट भी छपवाना चाहते थे।
JK के बाद दिल्ली दहलाना चाहता थाः पाशा से इतर गनी ने जैश के लिए मुजाहिदों की भर्ती की, जिसमें हिलाल अहमद भट्ट, बिलाल भाटी उर्फ बुरहान, शाहबाज और आसिफ शामिल हैं। गनी को सबसे पहले मौज ने श्रीनगर और आसपास के इलाकों में ग्रेनेड हमले करने को कहा था, जिसके बाद उसे कुछ ऐसे ही हमले दिल्ली में करने के लिए बोला गया।
दिल्ली में यहां-यहां छिप कर रहाः जासूसों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि गनी दिल्ली और कश्मीर में कई जगहों पर छिप-छिप कर रहा था। पहले वह उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद इलाके (2018) में रहा। बाद में पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर पहुंचा, पर वहां उसके ठिकाने का भंडाफोड़ हो गया।
छापेमारी में ठिकाने आए पकड़ मेंः कश्मीर में डीसीपी कुशवाहा, एसीपी अत्तर सिंह और इंस्पेक्टर शिवकुमार की संयुक्त पुलिस टीम ने 72 घंटों तक छापेमारी कीं, जिसके बाद दो ठिकानों को चिह्नित किया गया। कई मौकों पर घेराबंदी और सर्च ऑपरेशन के दौरान टीम पर स्थानीय लोगों ने पत्थरबाजी भी कर दी थी।