रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई को संसद के सेंट्रल हॉल में शपथ लेंगे। राष्ट्रपति चुनावों में उन्होंने यूपीए की उम्मीदवार मीरा कुमार को शिकस्त दी। कोविंद को करीब 66 फीसदी वोट मिले जबकि मीरा कुमार को 33 फीसदी वोट मिले। रामनाथ कोविंद दूसरे दलित नेता हैं, जो देश के इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठेंगे। उनसे पहले 1997 से 2002 तक के आर नारायणन देश के पहले दलित राष्ट्रपति रह चुके हैं। कोविंद उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के डेरापुर तहसील के परौख गांव के एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता मैकू लाल स्थानीय वैद्य थे और परचून की दुकान चलाते थे। उनकी मां का नाम कलावती था।
71 साल के कोविंद के चार भाई और तीन बहनें हैं। सभी पांचों भाइयों और तीनों बहनों की कुल 27 संतानें हैं। पांच भाइयों में सबसे छोटे रामनाथ कोविंद पर उनके पिता की अमिट छाप थी। उन्होंने अपने पिता से ही आदर्शवाद और समाज के हित में काम करने की शिक्षा ली। बड़े भाई प्यारे लाल कानपुर में ही रहते हैं और कपड़ा व्यापारी हैं। एक भाई मध्य प्रदेश में अकाउंट अफसर के पद से सेवा रिटायर हुए हैं। वह गुना में रहते हैं। एक और भाई सरकारी स्कूल में टीचर हैं। कोविंद के परिवार में बाकी लोग सामान्य जीवन बिताते हैं। रामनाथ कोविंद की पत्नी सविता कोविंद रिटायर्ड सरकारी सेवक हैं। कोविंद के बेटे का नाम प्रशांत है और बेटी का नाम स्वाति।
नित्य योगासन करने वाले रामनाथ कोविंद को डायबिटीज है। बावजूद इसके वो घर में बने मीठे व्यंजनों को शौकीन हैं। कानपुर में रह रही उनकी भतीजी ने एबीपी न्यूज को बताया कि कोविंद गन्ने के रस से बनी खीर के शौकीन हैं। इसके अलावा घर में जब भी मीठा बनता है तो वो सभी मीठे व्यंजन जरूर खाते हैं।
रामनाथ कोविंद उनके बड़े बाई प्यारे लाल के मुताबिक राजनीति में आने से पहले उन्होंने अपने नाम के आगे कोविंद सरनेम लगाया था। इसमें पूरे परिवार ने उनका साथ दिया और घर के सभी लोगों ने अपने-अपने नाम के आगे सरनेम कोविंद लगा लिया। बेहद सरल स्वभाव के रामनाथ कोविंद मिलनसार हैं। वो सभी लोगों से मिलते-जुलते हैं। वो आखिरी बार दिसंबर 2016 में अपने पैतृक गांव परौख गए थे।
रामनाथ कोविंद के भतीजे दीपक ने इंडियन एक्सप्रेस से बताया था, “हमने रामनाथ चाचा से कई बार कहा कि हमें बेहतर नौकरी दिला दो लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि जैसे मैंने स्वयं सफलता पाई, वैसे तुम लोग भी मेहनत करो।” दीपक सरकारी स्कूल में टीचर हैं।
रामनाथ कोविंद के दूसरे भतीजे अनिल कुमार के मुताबिक, उन्होंने पैतृक गांव स्थित घर को मिलन केंद्र बना दिया है। इस केंद्र का इस्तेमाल गांव के लोग शादी में बारातियों को ठहराने और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के लिए करते हैं। मिलन केंद्र की देखरेख अनिल कुमार ही करते हैं।
All over India people are celebrating. We all are very happy.It is a proud moment for us: Swati, Daughter of President Elect Ram Nath Kovind pic.twitter.com/z4V1UZX0ng
— ANI (@ANI) July 20, 2017
Feeling very happy. He is very simple and a quiet person. He cares for everyone: Daughter-in-law of President Elect #RamNathKovind pic.twitter.com/oQJqxGqALg
— ANI (@ANI) July 20, 2017