पूर्वोत्तर को भी मुख्यधारा में बताते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उत्तर भारतीयों का भी यह दायित्व है कि वे पूर्वोत्तर के लोगों से घुलें-मिलें।

रिजिजू ने कहा कि कोई देश अपनी सीमाओं से परिभाषित होता है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘दिल्ली भारत की राजधानी है लेकिन दिल्ली भारत की शुरुआत नहीं है….हम (पूर्वोत्तर) इस देश के प्रहरी हैं। हम इस देश का संरक्षण एवं हिफाजत करते हैं।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘देश को देखने का मेरा नजरिया यह है कि कोई देश अपनी सीमाओं से शुरू होता है। देश केंद्र से शुरू नहीं होता।’’

पूर्वोत्तर को मुख्यधारा में लाने की जरूरत पर जोर देते हुए रिजिजू ने कहा, ‘‘लेकिन मैं इससे असहमत हूं कि दिल्ली ही मुख्यधारा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र भी इस देश की मुख्यधारा है और हर किसी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और मिलजुलकर रहना चाहिए।’’

अरुणाचल प्रदेश से सांसद रिजिजू ने कहा, ‘‘मुझे दिल्ली के लोगों के साथ सामंजस्य बिठाने की जरूरत नहीं है क्योंकि उत्तर भारत के लोगों का भी यह कर्तव्य है कि वे हमसे (पूर्वोत्तर से) घुलें-मिलें। यह हर किसी की जिम्मेदारी है।’’