सोमवार को नॉर्थ ब्लॉक में थोड़े हड़बड़ी के हालात देखे गए। दरअसल चीन का एक दल चीन के पब्लिक सिक्योरिटी मंत्री झाओ केझी के नेतृत्व में भारत दौरे पर आया हुआ है। चीनी दल की इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच आंतरिक सुरक्षा के समझौते को अंतिम रुप देना है। लेकिन इस समझौते पर हस्ताक्षर के लिए हुई बैठक में थोड़े हड़बड़ी के हालात देखे गए। दरअसल भारत के गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू को इस बैठक में शामिल होना था, लेकिन रिजीजू अंतिम वक्त पर इस बैठक में पहुंचे। रिजीजू इस जल्दी में नॉर्थ ब्लॉक पहुंचे कि वह कैजुअल कपड़ों में ही वहां पहुंच गए थे और बाद में उन्होंने अपने घर से जैकेट मंगायी और उसे पहनकर बैठक में शामिल हुए। बता दें कि किरेन रिजीजू अरुणाचल प्रदेश से सांसद हैं और चीन अरुणाचल प्रदेश को एक विवादित क्षेत्र मानता है।

द हिंदू की एक खबर के अनुसार, गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री को पहले बताया गया था कि चीनी अधिकारियों के साथ बैठक सोमवार को शाम 3 बजे होगी और उन्हें उसमें शामिल होना है। लेकिन एक घंटे बाद ही उन्हें बताया गया कि यह बैठक स्थगित कर दी गई है। इसके बाद जब सोमवार को यह बैठक शुरु हुई तो पत्रकारों द्वारा गृह मंत्रालय के अधिकारियों से किरेन रिजीजू की अनुपस्थिति का कारण पूछा गया। इसके बाद आनन-फानन में किरेन रिजीजू को बैठक में शामिल होने के लिए बुलावा भेजा गया। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, ‘केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री को बताया गया था कि दोनों देशों के बीच एग्रीमेंट शाम में 5.25 बजे होगा। वहीं विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी एक कार्यक्रम था, जिसमें किरेन रिजीजू को शामिल होना था। विज्ञान भवन के कार्यक्रम के बाद ही वह नॉर्थ ब्लॉक पहुंचेंगे।’

उल्लेखनीय है कि साल 2014 में जब तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए एक भोज का आयोजन किया था, उस दौरान भी किरेन रिजीजू इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। बहरहाल सोमवार को केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी मंत्री झाओ केझी के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हो गए हैं। भारत और चीन के बीच हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में सुरक्षा से जुड़े कई समझौतों पर चर्चा हुई। जिसमें भारत ने मौलान मसूद अजहर का मुद्दा उठाया और चीन ने अपने शिनजियांग प्रांत में उइगर आतंकियों के मामले में भारत से मदद मांगी।