दिल्ली में पेट्रोल चोरी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ। उस गिरोह को निशांत कुमार नाम का शख्स चला रहा था जो कि दस साल पहले तक खुद ड्राइवर था और 12 हजार 500 रुपए महीने कमाता था। लेकिन वह अब 37 तेल के टैंकर का मालिक बना गया है। जिसमें से 10 BPCL और 27 भिवाड़ी के रिलाइंस पेट्रोल डीपो में लगे हुए हैं। उन्हीं की मदद से निशांत रोजाना छह लाख रुपए की कमाई कर रहा था। निशांत को बिजवासन के BPCL के सप्लाई डिपो से दो हजार लीटर पेट्रोल चुराने के आरोप में पकड़ा गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, निशांत पहले BPCL में काम किया करता था। उस दौरान उसने वहां काम करने वाले कुछ लोगों को पेट्रोल चुराने वाले आइडिया में शामिल कर लिया। निशांत के साथ पांच और लोग इस काम में शामिल थे। उन्हें भी पकड़ लिया गया है। उसमें एक इंजीनियर भी शामिल है।
शुरुआती जांच में निकलकर आया है कि डिपो से पेट्रोल पंप्स के लिए टैंकर निकलने वाले लोगों ने अपने टैंकर्स में एक गुप्त चैंबर बना रखा था। उसमें पेट्रोल स्टोर करके ही उसकी तस्करी की जाती थी। कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जिनसे फिलहाल पूछताछ होनी बाकी है।
निशांत ने आठवीं क्लास में स्कूल छोड़ दिया था। वह बुलंदशहर का रहने वाला है और साल 2000 में दिल्ली आया था। वह द्वारका में एक किराए के घर में रहता है। उसके दो बच्चे हैं जो कि एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं। निशांत की पत्नी ने कहा कि उसे झूठे केस में फंसाया जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच तेल कंपनी के सीनियर अफसर की शिकायत के बाद शुरू की थी। उन्होंने पुलिस कमिशनर आलोक वर्मा को बताया था कि दिल्ली में एक गैंग पेट्रोल, डीजल और केरोसीन को चोरी करके बेच रहा है।
पुलिस ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि निशांत पर धारा 308 (चोरी), 409 (आपराधिक विश्वास हनन), 420 (आईपीसी और 33/4 पीडीपी एक्ट की धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) का मामला दर्ज किया गया है।