भारतीय तटरक्षक बल (ICG) और भारतीय नौसेना के एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH ) ध्रुव बेड़े को जल्द ही अपडेट किया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इन अपडेट्स को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा जिसके बाद लगभग 6 महीने में हेलीकॉप्टर आईसीजी और नौसेना को सौंप दिए जाएंगे।
द इंडियन एक्सप्रेस को यह जानकारी मिली है कि 5 जनवरी को तटरक्षक बल द्वारा संचालित एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच कर रही जांच समिति ने कुछ सिफारिशें की हैं। जांच समिति ने नौसेना और तटरक्षक बल के हेलीकॉप्टरों के लिए नॉन-रोटेटिंग स्वैशप्लेट बेयरिंग (NRASB) की निर्माण प्रक्रिया में सुधार की सिफारिश की है ताकि इसकी क्षमता में सुधार हो सके। ये हेलीकॉप्टर खारे वातावरण में काम करते हैं और इन्हें डेक लैंडिंग के यांत्रिक तनाव से निपटना पड़ता है।
आईसीजी और नौसेना के पास मौजूद सभी 28 ध्रुव हेलीकॉप्टरों में अगले कुछ महीनों में बैचों में हेलीकॉप्टरों के विशिष्ट भागों में आवश्यक मैन्यूफैक्चरिंग अपडेट किए जाएंगे। इसके बाद लगभग 6 महीनों में उन्हें सेना को वापस कर दिया जाएगा और उड़ान भरने के लिए मंजूरी दे दी जाएगी। हालांकि, इस मामले पर अभी एचएएल की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।
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पोरबंदर में हुई थी आईसीजी द्वारा संचालित ध्रुव विमान में दुर्घटना
इस साल पोरबंदर में आईसीजी द्वारा संचालित ध्रुव विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद आईसीजी, नौसेना, सेना और भारतीय वायु सेना के सभी एएलएच विमानों को उड़ान भरने से रोक दिया गया था। इस दुर्घटना में विमान में सवार तीन कर्मियों की मौत हो गई थी। दुर्घटनाग्रस्त ध्रुव विमान में एनआरएसबी (नेशनल सेफ्टी बोर्ड) में दरार पाई गई थी।
दुर्घटना की जांच कर रही समिति ने पाया कि नौसेना और भारतीय नौसेना के एएलएच विमानों के एनआरएसबी में मैन्यूफैक्चरिंग अपडेट की जरूरत थी लेकिन सेना और भारतीय वायु सेना के विमानों में नहीं। समिति ने उन सभी संभावनाओं पर विचार किया जिनसे यह दरार उत्पन्न हो सकती थी और आगे के रास्ते पर भी विचार किया, जिसमें नए कंट्रोल और मैन्यूफैक्चरिंग में संभावित बदलाव शामिल हैं। सेना और भारतीय वायु सेना के एएलएच बेड़े ने पहले ही उड़ान संचालन फिर से शुरू कर दिया है।
भारतीय सशस्त्र बलों के प्रमुख विमान ध्रुव के सैन्य सेवा में शामिल होने के 25 वर्षों में, किसी महत्वपूर्ण पुर्जे में इस प्रकार की खराबी पहली बार आई है। विभिन्न बैचों पर कई परीक्षण किए गए जिसके बाद डेटा एकत्र और विश्लेषण किया गया और इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया।
ध्रुव स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया हेलीकॉप्टर है
ध्रुव, स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया एक उन्नत हेलीकॉप्टर है जो दो इंजन वाला, मल्टी-रोल और मल्टी-मिशन वाला 5.5 टन भार वर्ग का नई पीढ़ी का हेलीकॉप्टर है। एचएएल की वेबसाइट के अनुसार, जून 2024 तक कुल 345 हेलीकॉप्टर निर्मित किए गए जिनमें से 313 भारतीय सशस्त्र बलों के लिए थे। 2023 से अब तक चार ध्रुव हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें इस साल जनवरी में हुई दुर्घटना भी शामिल है।
