Kerala Rains Floods 2018 News Updates: बाढ़ग्रस्त केरल की मदद के लिए तेलंगाना के आईएएस अधिकारियों ने सहारनीय कदम उठाया। सोमवार (20 अगस्त) को यहां के आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने अपनी-अपनी एक दिन की सैलरी बाढ़ पीड़ितों की मदद करने के लिए समर्पित कर दी। एसोसिएशन की ओर से बताया गया, “हमारे सदस्य केरल चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड के नाम अपनी एक दिन की तनख्वाह करेंगे, ताकि अधिक से अधिक लोगों को राहत पहुंच सके।”
आपको बता दें कि केरल में सोमवार को बारिश थमी नजर आई। मौसम विभाग ने अनुमान जताया कि आगामी चार दिनों तक बारिश नहीं होगी। ऐसे में यह अच्छी खबर बनकर आई है। राहत-बचाव कार्य भी तेज होंगे। हालांकि, अभी भी कई जगहों पर हालात पहले जैसे नहीं हो पाए हैं। लेकिन सेना और एनडीआरएफ के जवान कोई कसर नहीं छोड़ रहे। वे मानो देवदूत बनकर लोगों को बचाने में जुटे हैं। कहीं चॉपर से तो किसी जगह पर नाव से। कभी बुजुर्ग को एयरलिफ्ट कर के, तो कहीं अपनी जान जोखिम में डालकर।
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राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के.के.शैलजा ने सोमवार को बताया, "हमारी सीएम पिनरई विजयन से बात हुई है। सरकार की प्राथमिकता स्वास्थ्य और साफ-सफाई रखने पर है। हमारे पास बाढ़ पीड़ितों की मदद करने के लिए संसाधन हैं। लोगों से अपील है कि अगर उन्हें इस बाबत कोई दिक्कत हो तो, वे आगे आकर उस बारे में बताएं।
दक्षिणी कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल डीआर सोनी ने बताया है कि केरल में तकरीबन 70 टीमें बोट के साथ मौजूद हैं। उनके पास लाइफ वेस्ट और खाने-पीने के पैकेट भी हैं। जहां रोशनी और हेलीकॉप्टर भी नहीं पहुंच सकते, वहां हमारे जवान पहुंच कर बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटे हैं।
कर्नाटक के कोडागू में दो रेस्क्यू टीमों के साथ दो जेमिनी क्राफ्ट भी भेजे गए हैं। भारतीय नौसेना की टीमें एनडीआरएफ के साथ मिलकर राहत-बचाव कार्य में जुटी है। जिले के कल्लूर और देवासुर गांवों से अभी तक 67 लोगों को रेस्क्यू कराया जा चुका है।
बाढ़ग्रस्त केरल से सोमवार को राहत देने वाली खबर और तस्वीर सामने आई है। कयामत के बाद यहां इदुक्की स्थित कटप्पना इलाके में सामान्य जीवन पटरी पर लौट आया है। एटीएम बूथ भी चालू हो चुके हैं। कनेक्टिविटी दोबारा से स्थापित करने और बाकी तकनीकी चीजें ठीक किए जाने का काम जारी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोमवार को कहा है कि अभी तक केरल में 3757 राहत शिविर बनाए गए। 90 किस्म की दवाओं की वहां जरूरत पड़ रही है, जबकि दवाओं की पहली किश्त वहां पहुंचा दी गई है। रोज वहां की निगरानी और देखरेख के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जगह-जगह पानी के कम होने पर जल्द ही मेडिकल टीमें भी अपने काम में जुट जाएंगी।
उपराष्ट्रपति एम.वैंकेया नायडू ने सोमवार को केरल बाढ़ को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश समेत राज्यसभा और उपराष्ट्रपति सचिवालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए इन सभी ने अपनी-अपनी एक महीने की तनख्वाह को दान में देने का फैसला किया है।
केरल में हालात अभी भी सामान्य नहीं हो सके हैं। घरों से लेकर मंदिर, मस्जिद और चर्चों तक में पानी घुस गया था। ऐसे में लाखों लोग राहत शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं। वहीं, एनडीआरएफ और सेना के दस्ते राहत-बचाव कार्य में जुटे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अलेप्पी के राहत शिविर में तकरीबन दो हजार लोग इस वक्त रह रहे हैं।
कर्नाटक में भी इन दिनों जोरदार बारिश हो रही है। सोमवार को कोगाडू जिले की डिप्टी कमिश्नर श्रीविद्या पी.आई ने एएनआई को बताया कि उन लोगों ने अब तक विभिन्न जगहों पर फंसे हुए 181 लोगों को रेस्क्यू करा लिया है, जिसके बाद राहत और बचाव कार्य जारी है।
बाढ़ के कारण कोचिन अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बुरी तरह पानी भर गया था। ऐसे में सरकार ने सोमवार को नौसेना का गरुड़ कोच्चि नेवल एयर स्टेशन व्यावसायिक फ्लाइट्स के लिए चालू कर दिया। प्लेन लैंड होने के बाद अपने-अपने गंतव्यों को जाते हुए यात्री।
थिस्सूर में रविवार को रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए भारतीय नौसेना के जवानों ने तकरीबन 109 लोगों को सही सलामत बचा लिया। अचानक से एक पुल गिरने के बाद वे लोग उसके दूसरे छोर पर फंसे थे। जवानों ने छह रस्सियों को आपस में जोड़ कर लोगों की जान बचाई।
तमिलनाडु के कोयंबटूर से सोमवार को केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री रवाना की गई। ये सारा सामान रीजनल सीआरपीएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन ने एकत्रित किया था, जिसमें सूखे राशन, कपड़े, दवाइयों और सैनिट्री उत्पाद सरीखी चीजों से भरे 12 ट्रक शामिल थे। रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की टीमों के साथ ये ट्रक थिस्सूर और चलाकुडी में राहत सामग्री पहुंचाएंगे।
केरल में बाढ़ से जूझ रहे लोगों की मदद करने के लिए महाराष्ट्र के कुल 81 डॉक्टर आगे आए हैं। मुंबई स्थित जेजे अस्पताल से 55 डॉक्टर और पुणे स्थित सैस्सून अस्पताल से 26 डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ तिरुवतनंतपुरम के लिए सोमवार को रवाना हुए। ये डॉक्टर एयर इंडिया के दो विमानों के जरिए वहां पर पहुंचेंगे।
बाढ़ग्रस्त केरल में जनजीवन अभी भी बुरी तरह प्रभावित है। हालांकि, रविवार (19 अगस्त) को बारिश थमने से राहत की आस जागी। पर यह आपदा लगभग 400 लोगों की जान लील चुकी है, जबकि नौ लाख से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। वे राहत शिविरों में रह रहे हैं।
आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में भारी बारिश से हालात जटिल होते जा रहे हैं। सोमवार को इसी वजह से सड़कें जलमग्न नजर आईं। आवागमन भी प्रभावित रहा।
कोच्चि में बाढ़ पीड़ितों ने मदद के बाद नौसेना को अनोखे अंदाज में शुक्रिया अदा किया है। सोमवार को एक मकान की छत पर लोगों ने 'थैंक्स' लिख दिया। यह वही इमारत थी, जहां से 17 अगस्त को नौसेना ने दो महिलाओं को रेस्क्यू कराया था।
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि यहां के कोझिकोड, कन्नूर और इड्डुकी जिलों में आगामी चार दिनों में मूसलाधार बारिश की आशंका है। राज्य के अलावा पड़ोसी राज्य कर्नाटक और तमिलनाडु भी बाढ़ से जूझ रहे हैं। केरल में आसमानी आफत के प्रकोप के चलते कई ट्रेनें रद्द की जा चुकी हैं।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) भी बचाव कार्य में पूरा सहयोग दे रही है। अर्नाकुलम और थिस्सूर जिले में आईएएफ के जवान हेलीकॉप्टरों के जरिए राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं, जिसमें खाने-पीने का सामान और दवा समेत अन्य चीजें शामिल हैं।
राहत-बचाव कार्य में भारतीय तटरक्षक के जवान जुटे हैं। रैपिड एक्शन फोर्स (आएएफ) भी लोगों की जान बचाने के लिए पूरा दम झोंक रही है। पलक्कड़ के एरुमाचेरी इलाके में बाढ़ का पानी को आगे रोकने के लिए आरएएफ ने अस्थाई पुल बनाया है। वहीं, कर्नाटक के कई इलाकों में भारी बारिश जारी है।
बाढ़ का प्रकोप कोचिन अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भी देखने को मिला। ऐसे में केंद्र सरकार ने कोच्चि स्थित नौसेना के एयर स्टेशन पर कमर्शियल विमानों की लैंडिंग कराई। आईएनएस गरुड़ कोच्चि पर सोमवार सुबह उतारी गई पहली व्यावसायिक फ्लाइट।
मौसम विभाग ने बताया कि राज्य में अगले पांच दिनों में भारी बारिश नहीं होगी, जिससे राज्य को बाढ़ से थोड़ी राहत मिल सकती है। इंडियन मीट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट के एडिश्नल डीजी मृत्युंजय महापात्रा के मुताबिक, हल्की बारिश से आने वाले पांच दिनों में राहत और बचाव कार्य में काफी मदद मिलेगी।
राज्य सरकार के मुताबिक, बाढ़ से सबसे ज्यादा असर अलाप्पुझा, अर्नाकुलम और त्रिशूर में पड़ा। तीनों जिलों ने जारी किया रेड अलर्ट वापस ले लिया है। सीएम पिनरई विजयन का कहना है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों से तकरीबन 22 हजार लोग बचाए गए।