केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हाल ही में जुमे की नमाज के बाद पथराव की घटनाओं (पैगंबर पर नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के विरोध में) को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि जो हमारा विशेष गुण है- शिक्षा, विद्या,ज्ञान… उससे हम दूर होते चले गए। सभ्यता की दिशा में कदम बढ़ाए गए तो पहला कदम क्या था? उन्होंने कहा, “जिस आदमी ने पत्थर की जगह गाली का इस्तेमाल किया, वह सभ्यता की तरफ पहला कदम था।”
केरल के राज्यपाल ने टीवी9 ग्लोबल समिट में कई मुद्दों पर बात की। इस दौरान पथराव की घटनाओं पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, “मैं गौर कर रहा था कि पत्थर चल रहे हैं। अगर किसी ने कुरान को पढ़ने के साथ समझने की कोशिश की होती, तो कहा गया है- बुराई और भलाई कभी बराबर नहीं हो सकते हैं। इसलिए कोई आपके साथ बुराई करे तो उसका जवाब भलाई से दो। फिर देखेंगे कि जिसके और आपके बीच दुश्मनी थी, वह आपका सबसे नजदीकी दोस्त बन जाएगा।”
आरिफ मो. खान ने कहा कि कुछ लोग चौराहे पर फांसी चाहते हैं, ऐसे लोगों के बारे में क्या बातें की जाएं। एंकर ने एक सवाल किया कि आप जिस कौम से आते हैं, उस कौम के अंदर आपके जैसी समझ वाले लोग माइनॉरिटी में क्यों नजर आते हैं? इस पर केरल के राज्यपाल ने कहा, “मेरी कौम तो हिंदुस्तानी है। अंग्रेजों ने हमें ये पाठ पढ़ाया और नतीजे में इस देश का बंटवारा हो गया। कौम हमारी एक है और हम भारतीय हैं।” उन्होंने कहा, “आप संप्रदाय कह सकते हैं कि इसमें ये समस्या क्यों है? सच कहूं तो आम आदमी रोटी कमाने में अपना जीवन लगा देता है।”
असदुद्दीन ओवैसी व आरिफ मोहम्मद खान को किसी मुस्लिम बहुल इलाके से लड़ा दिया जाए तो कौन जीतेगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि कौन जीतेगा लेकिन मैं जिन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करता हूं वहां मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। एक बड़े लीडर ने कहा था कि मैं अपने इलाके में घुस नहीं सकता लेकिन चुनाव में मैं जीतकर आया तो उन्होंने कहा कि मैंने अपने इलाके में बहुत काम किया है। ये सब अखबार में छपा हुआ है।”