तेलंगाना चुनाव को लेकर इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) ने अभी तक तारीखों का ऐलान नहीं किया है। लेकिन बीजेपी की तर्ज पर चलते हुए सत्ताधारी दल ने 115 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। खास बात है कि मप्र की 39 और छत्तीसगढ़ की 21 सीटों के लिए बीजेपी ने भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। इन दोनों सूबों में भी चुनाव की तारीखों को लेकर कोई घोषणा नहीं की है।

लिस्ट के मुताबिक KCR इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। पिछली बार वो गजवेल सीट से जीते थे। इस बार वो गजवेल के साथ कमारेड्डी सीट से भी किस्मत आजमाएंगे। KCR लगातार दो बार से तेलंगाना के सीएम हैं। उनका कहना है कि वो सूबे की 105 में से 95 सीटें जीतकर हैट्रिक लगाने जा रहे हैं। हालांकि तेलंगाना में बीजेपी इस बार सत्ताधारी दल को कड़ी टक्कर देने का मन बना रही है। पार्टी के थिंक टैंक ने अरसा पहले से अपने दिग्गज नेताओं को तेलंगाना की धरती पर उतार रखा है। ये नेता पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं।

KCR बोले- ओवैसी के साथ कायम रहेगी दोस्ती

बीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा है कि कुल 119 विधानसभा सीटों में से केवल सात पर उम्मीदवारों में बदलाव किया गया है। उनका कहना है कि AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के साथ उनकी दोस्ती बरकरार रहेगी। ओवैसी हैदराबाद से सांसद हैं।

आगामी विधानसभा चुनावों में KCR जन कल्याणकारी नीतियों पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस अगर सत्ता में आई तो इन स्कीमों को वापस ले सकती है। जाहिर है कि वो कांग्रेस से अपनी सीधी लड़ाई मान रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी असेंबली चुनावों को लेकर उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया तेज कर दी है।

पिछले चुनाव में कांग्रेस ने तेलंगाना जन समिति और तेलगूदेसम पार्टी के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था। हालांकि तमाम मशक्कत के बाद भी ये महा गठबंधन जीत के करीब भी नहीं पहुंच सका। KCR ने एक खास रणनीति के तहत 2018 में तेलंगाना के चुनाव 9 महीने पहले करा दिए थे।