बहुचर्चित कठुआ रेप केस में अहम भूमिका निभाने वालीं वकील दीपिका सिंह रजावत को जम्मू में किराये पर घर नहीं मिल रहा। दीपिका के मुताबिक कोई भी मकान मालिक उन्हें किराये पर मकान देने पर राजी नहीं है। फिलहाल वह जम्मू स्थित गांधी नगर में एक सरकारी आवास में रहती हैं। यह आवास पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने उन्हें मुहैया कराया था। लेकिन, राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद से उन पर सरकारी महकमा मकान खाली करने का दबाव बना रहा है। क्योंकि, तत्कालीन सीएम मुफ्ती ने उनकी सुरक्षा को देखते हुए मौखिक तौर पर ही सरकार आवास उपलब्ध कराया था।
दीपिका के सामने यह परेशानी तब खड़ी हुई जब मामले में पीड़ित बकरवाल परिवार ने उन्हें बतौर वकील केस से बाहर कर दिया। दरअसल दीपिका रजावत को केस से जुड़े होने के दौरान लगातार जान से मारने और रेप की धमकियां मिल रही थीं। उस दौरान दीपिका पीड़ित परिवार के साथ खड़ी हुई थीं और बतौर वकील मामले को कोर्ट में लेकर गई थीं। स्थिति को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सरकारी आवास दे दिया। तब से वह इसी आवास में अपनी 6 साल की बेटी के साथ रहती हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दीपिका रजावत के मुताबिक पीड़ित परिवार ने उन्हें केस से बाहर कर दिया, तब से परिस्थितियां उनके लिए विकट हो गई हैं। लगातार अब उन पर आवास छोड़ने का दबाव बन जा रहा है। लेकिन, परेशानी यह है कि उन्हें जम्मू शहर में कोई रेंट पर घर नहीं दे रहा है।
कठुआ रेप केस में उनकी भूमिका के बाद उनकी सुरक्षा के मद्देनज़र उन्हें सरकार की तरफ से सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। जिसमें उनके लिए दो और बेटी के लिए एक सुरक्षा गार्ड मुहैया निगरानी करते हैं। मगर रजावत का कहना है कि इसके बावजूद भी उनके खिलाफ खतरा बना हुआ है और वह डर के साये में जिदंगी जी रही हैं। गौरतलब है कि कठुआ रेप केस ने रजावत को रातों रात सुर्खियों में ला दिया था। लेकिन, जम्मू में अधिकांश लोगों के बीच उनकी नकारात्मक छवि बन गई। दूसरी बड़ी वजह यह है कि उनकी इस छवि के अलावा लगातार मीडियाकर्मियों की उन पर नज़र और सुरक्षा इंतजामों को देखते हुए कोई भी मकान-मालिक उन्हें घर देने से कतरा रहा है।